चैनल का दावा- संदिग्ध लेन-देन करने वालों की ईडी की लिस्ट में मायावती, मीसा भारती समेत और कई नाम

नई दिल्ली
नोटबंदी के बाद करीब 11000 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेन-देन का पता चला है। इन लेन-देन से जुड़े करीब 4000 केस मनी लॉन्ड्रिंग और फेमा के उल्लंघन के तहत दर्ज किए गए हैं। नोटबंदी के बाद संदिग्ध लेन-देन करने वालों की ईडी की लिस्ट में मायावती और मीसा भारती का नाम शामिल है।
नोटबंदी की सालगिरह पर प्रवर्तन निदेशालय की चार्जशीट से संदिग्ध लेन-देन करने वालों के नामों का खुलासा हुआ है। अंग्रेजी न्यूज चैनल टाइम्स नाऊ ने ईडी की लिस्ट के हवाले से दावा किया है कि इस लिस्ट में बीएसपी सुप्रीमो मायावती, राज्य सभा सांसद और राजद अध्यक्ष लालू यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती समेत कई राजनेताओं, नौकरशाहों, कानूनविदों, चार्टर्ड अकाउंटेन्ट्स के नाम हैं। ये लोग ईडी के निशाने पर हैं। कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने के लिए ईडी ने ये लिस्ट बनाई है। हालांकि, इसे अभी कोर्ट में सौंपा जाना बाकी है। चैनल की ओर से दावा किया गया है कि लिस्ट में शामिल लोगों ने नोटबंदी के बाद बड़ी संख्या में कालेधन को ठिकाने लगाया है।
ईडी के डोजियर के मुताबिक नोटबंदी के बाद करीब 11000 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेन-देन का पता चला है। इन लेन-देन से जुड़े करीब 4000 केस मनी लॉन्ड्रिंग और फेमा के उल्लंघन के तहत दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा देशबर में करीब 800 ठिकानों पर छापेमारी की गई है जबकि 600 लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इस संबंध में प्रवर्तन निदेशालय ने अब तक कुल 54 लोगों को गिरफ्तार किया है।
डोजियर से खुलासा हुआ है कि भारत से बाहर सऊदी अरब, दुबई, मलेशिया, और हांगकांग तक विदेशी चैनलों के माध्यम से इन पैसों को खपाया गया है। कई व्यापारियों ने कालाधन को खपाने के लिए शेल कंपनियों और कॉपरेटिव क्रेडिट सोसाइटीज का सहारा लिया है। ईडी ने अपनी जांच में पाया है कि कालेधन को सफेद करने के लिए स्टॉक मॉर्केट का इस्तेमाल किया गया है।
बता दें कि पिछले साल 8 नवंबर को रात आठ बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एलान किया था कि रात 12 बजे से 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट प्रचलन से बाहर हो गए। इसके बाद बड़ी संख्या में लोगों को बैंकों के बाहर कतार में खड़े होकर अपने-अपने पैसे बदलवाते हुए देखा गया। पूरा देश करीब एक महीने से ज्यादा वक्त तक बैंकों और फिर एटीएम के बाहर लंबी लाइनों में खड़ा रहा ताकि उनके हाथों में नकदी आ सके। सरकार का दावा है कि इस नोटबंदी के बाद कई काले धनकुबेरों की संपत्ति का खुलासा हुआ है, जबकि विपक्ष का आरोप है कि देश में नोटबंदी फेल रही है और जितने पैसे बाजार में चलन में थे करीब-करीब उतने ही पैसे फिर से बैंकों में वापस आ गए।

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