द्वितीय विश्वयुद्ध में लापता हुए अपने जवानों के अवशेषों की तलाश में भारत आएगा अमेरिकी दल

इटानगर
अमेरिका का विशेष खोजी दल द्वितीय विश्वयुद्ध के समय लापता हुए अपने जवानों के अवशेषों की तलाश में इस हफ्ते फिर भारत आएगा। बीते साल खोजी दल ने भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में इस अभियान के तहत 30 दिन गुजारे थे। कोलकाता स्थित अमेरिकी दूतावास के अनुसार वर्ष 2013 से यह उनका पांचवा अभियान होगा।
द्वितीय विश्व युद्ध (1939 से 1945) के दौरान अमेरिका ने चीन की मदद की थी। इस मदद के लिए अमेरिकी विमान हिमालय के ऊपर से उड़ान भरते हुए चीन पहुंचते थे। इस हवाई रूट को ‘द हंप’ नाम दिया गया था। इस दौरान कई विमान इस क्षेत्र में लापता हो गए थे।
अमेरिका के अनुसार लापता जवानों की संख्या 400 के करीब है। विशेष खोजी दल को 2015-16 में अपने अभियान के दौरान कुछ अवशेष मिले थे। इन अवशेषों की डीएनए के माध्यम से पहचान की जा रही है। इनमें से एक की पहचान अमेरिकी वायुसेना के फ‌र्स्ट लेफ्टिनेंट रॉबर्ट ई ऑक्सफोर्ड के रूप में हो चुकी है।
नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास के अधिकारी मैरीके कार्लसन ने कहा, ‘2013 से विशेष खोजी दल का भारत में यह पांचवा मिशन होगा, जो भारत और अमेरिका के बीच सफल सहयोग को दिखाता है। इस मानवीय मिशन के लिए दोनों देशों की प्रतिबद्धता उल्लेखनीय है।’

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