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कृषि उत्पादन आयुक्त द्वारा औद्यानकि प्रयोग एवं प्रशिक्षण केन्द्र, बस्ती का निरीक्षण

बस्ती  कृषि उत्पादन आयुक्त उ0प्र0, शासन श्री प्रदीप भटनागर द्वारा औद्यानकि प्रयोग एवं प्रशिक्षण केन्द्र, बस्ती का निरीक्षण किया गया। इस अवसर पर मण्डलायुक्त श्री दिनेश कुमार सिंह, जिलाधिकारी श्री नरेन्द्र सिंह पटेल, निदेशक, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग श्री एस0पी0 जोशी, मुख्य विकास अधिकारी श्री अंजनी कुमार सिंह तथा अन्य विभाग के मण्डलीय अधिकारी उपस्थित रहे।
 
कृषि उत्पादन आयुक्त द्वारा प्रशिक्षण केन्द्र पर राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड द्वारा 3 स्टार प्रदत्त पौधशाला का अवलोकन किया इसके सम्बन्ध में डा0आर0के0 तोमर, संयुक्त निदेशक, उद्यान ने जानकारी उपलब्ध करायी। पौधशाला के साथ ही एच0डी0पी0ई0 वर्मी वेड से वर्मी कम्पोस्ट बनाने का कार्यक्रम भी प्रदशित किया गया डा0आर0के0 तोमर द्वारा इस केन्द्र की स्थापना से लेकर वर्तमान तक किये गये कार्यो का उल्लेख किया गया तथा इस केन्द्र की पूर्वाचल में औद्यानिक विकास में भूमिका के बारे में भी जानकारी दी।
 
औद्यानकि प्रयोग एवं प्रशिक्षण केन्द्र पर रंगीन आम की नवीन संकर प्रजातियों यथा अम्बिका, अरूणिमा, पूसा सूर्या, पूसा श्रेष्ठ,लालिमा, टामी एटकिन्स का रोपण किया गया। कृषि उत्पादन आयुक्त द्वारा पीले रंग पर लाल रंग आम के लिये हुए पूसा श्रेष्ठ आम की प्रजाति का रोपण किया गया। इन प्रजातियों से भविष्य में पौधें उत्पादन कर किसानों को उपलब्ध कराये जायेगें।
 
केन्द्र पर सेन्टर आफ एक्सीलेन्स फार फ्रूट्स के अन्तर्गत दो द्विवसीय प्रशिक्षण में आये  किसानो से कृषि उत्पादन आयुक्त द्वारा वर्ता  की गयी। किसानो द्वारा बाहर प्रशिक्षण दिये जाने तथा जंगली सुअर एवं नील गाय से हो रही क्षति के लिये प्रदेश सरकार से घेरवाड़ करने के लिये वित्तीय सहायता की माॅग की गयी। प्रशिक्षण में आये किसानो द्वारा अपनी सफलता की कहानी भी व्यान की, जिसमें राजेश मौर्य, मशरूम उत्पादन, आज्ञाराम वर्मा, पाली हाउस, अहमद अली ने संकर टमाटर की खेती हरिश्चन्द्र मौर्या प्रो टेª में नर्सरी, सीताशरण पाण्डेय फूल की खेती तथा अरविन्द सिंह द्वारा आलू बीज उत्पादन के सम्बन्ध में अवगत कराया।
 
किसानो से चर्चा के उपरान्त कृषि उत्पादन आयुक्त द्वारा निर्देश दिये गये कि जो किसान बाहर जाना चाहते है उन्हे आवश्य भेजें तथा जंगली जानवरोें से हो रही क्षति से बचाव के लिये मण्डलायुक्त एवं जिला अधिकारी को निर्देश दिये गये की किसानो के साथ एक बैठक कर इनकी समस्याओं का निराकरण कराए जिसमे पशु पालन एवं वन विभाग भी सम्मिलित हों।

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