बस्ती: राष्ट्रीय एकीकृत बागवानी विकास मिशन के अन्तर्गत फल उत्कृष्ता केन्द्र जागरूकता कार्यक्रम के तहत राज्य स्तरीय कृषक मेला/संगोष्ठी का आयोजन मण्डलायुक्त श्री दिनेश कुमार ंिसंह की अध्यक्षता में स्थानीय औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केन्द्र के परिसर में सम्पन्न हुआ। संगोष्ठी में संयुक्त विकास आयुक्त श्री वी0पी0 पाण्डेय, मुख्य विकास अधिकारी श्री अंजनी कुमार सिंह, संयुक्त निदेशक हार्टीकल्चर डा0ॅ आर0के0 तोमर सहित कृषि वैज्ञानिक वक्ताओं ने विविध पहलुओं पर सूक्ष्मता से अपने विचार व्यक्त करते हुए उपस्थित किसानों को फल, फूल, सब्जियों की नवीन तकनीक आधारित खेती के आधुनिक तौर तरीको से विस्तारपूर्वक अवगत कराया।
संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए मण्डलायुक्त श्री दिनेश कुमार सिंह ने अपने सम्बोधन में क्रमशः धट रहे कृषिगत क्षेत्रफल पर किसानों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए खेती में नवीन तकनीक के स्तेमाल को बढ़ावा दिये जाने पर बल दिया तथा उन्होंने कहा कि शासन एवं प्रशासन हर स्तर पर खेती किसानी से जुडी हर तरह की समस्या का समाधान करने हेतु किसानों के मदद के लिए तैयार है। आयुक्त श्री सिंह ने उपस्थित हार्टीकल्चर, कृषि विभाग एवं अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों एवं कृषि वैज्ञानिकों से किसानों की हर छोटी बडी कृषिगत समस्या का ससमय समाधान करने के निर्देश दिये। संगोष्ठी के आरम्भ में आयुक्त श्री सिंह ने माॅ सरस्वती के प्रतिमा पर दीप जलाकर माल्यार्पण किया। संयुक्त विकास आयुक्त श्री वी0पी0 पाण्डेय ने अपने सम्बोधन में किसानों को उत्पादन में वृद्धि एवं समृद्ध जीवन के लिए परम्परागत दैनिक कृषि के साथ-साथ औद्यानिक फसलों की भी खेती करने की सलाह देते हुए कहा कि किसानों के उत्थान के लिए सरकार द्वारा कई तरह की लाभार्थीपरक योजनाए चलाई जा रही है तथा खेती किसानी में आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल से संबंधित प्रशिक्षण समय-समय पर प्रशिक्षण केन्द्रों के माध्यम से किसानों को दिया जाता है जिसका किसान भाई लाभ उठावें। श्री पाण्डेय ने स्वयं सहायता समूहों के प्रतिभागियों केा फलों, सब्जियों, मसरूम आदि की खेती कर आय बढाने हेतु प्रेरित किया। संगोष्ठी के दौरान आयुक्त द्वारा बागवानी से संबंधित एक पुस्तिका का विमोचन भी किया गया।
मुख्य विकास अधिकारी श्री अंजनी कुमार सिंह ने किसानों को समाज की सबसे महत्वपूर्ण कडी बताते हुए कहा कि किसानों कें लिए औद्यानिक एवं दैनिक फसलों मंे नवीन तकनीकों का इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है तभी हमारा किसान अपने उत्पादों की पैदावार एवं गुणवत्ता में विश्वस्तरीय प्रतिस्पर्धा का मुकाबला कर सकेगा। उन्होंने औद्यानिक एवं कृषि विभाग के अधिकारियों से खेती की आधुनिक तकनीकों, जैविक खादों के इस्तेमाल से होने वाले फायदों, पालीहाउस आधारित संरक्षित खेती, आदि से संबंधित किसानों को बेहतरीन जानकारी देने के लिए जनपद के विभिन्न क्षेत्रों के बड़े-बड़े गावोें में उन्नतशील किसानों के साथ मिलकर इसका प्रयोगिकरूप दिखाने की अपील की।
औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केन्द्र के संयुक्त निदेशक एवं आयोजक डाॅ0 आर0के0 तोमर ने संगांेष्ठी में दूर-दूर से आये सभी किसानेां एवं कृषि वैज्ञानिक के प्रति आभार प्रगट करते हुए किसानों को प्रशिक्षण से लेकर उत्पादन एवं विक्री तक के विविध आयामों पर विस्तार से जानकारी दिया। श्री तोमर ने अपने पूरे सम्बोधन के दौरान औद्यानिक/दैनिक फसलों में आधुनिक तकनीक एवं आवश्यकतानुसार पालीहाउस विधि अपनाने पर जोर दिया तथा इसके लिए उन्होंने किसानों को प्रशिक्षण से लेकर उत्पादन, गुणवत्ता एवं बिक्री के दौरान आने वाली किसी भी समस्या का समाधान करने का आश्वासन भी दिया। श्री तोमर ने कहा कि किसानगण प्रशिक्षण केन्द्रो एवं कृषि वैज्ञानिकों का भरपूर लाभ उठावे। राज्य स्तरीय किसान मेला/संगोष्ठी में जनपद के कृषि विभाग सहित विभिन्न विभागों द्वारा अपने उत्पाद एवं सेवाओं से संबंधित स्टाल लगाया गया। संगोष्ठी में प्रतिभाग किए वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डाॅ0 एसपी सिंह, डाॅ0 जेपी यादव, डाॅ0 केएम चैधरी ने किसानों को औद्यानिक फसलों, बागवानी, फलों, फूलों, सब्जियों, दैनिक फसलों, संरक्षित खेती, फसल चक्र, जैविक खेती, फसलों में रोग एवं रोक-थाम आदि के बारे में सूक्ष्मता से इसके सभी पहलुओं के बारे मे किसानों केा अवगत कराया। कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को खेती के दौरान कोई समस्या आने या जानकारी प्राप्त करने हेतु अपने मो0नं0 भी दियें। कृषि वैज्ञानिकों ने अपने-अपने विशेषज्ञता के आधार पर तरह तरह से किसानों को ज्ञानवर्धन किया।