भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हाल ही में राज्य सभा के लिए चुने गए। वह गुजरात से राज्य सभा का प्रतिनिधित्व करेंगे। मगर अगर हम बात करें अमित शाह के भारत भ्रमण कि तो अमित शाह ने 2014 के बाद तकरीबन हरएक राज्य का दौरा कर लिया है। उत्तर पूर्वीय राज्यो में जहां कोंग्रेस ने हंमेशा नजरअंदाज किया वहा पर भी अमित शाह ने दोरा कर लिया है। त्रिपुरा, नागालेंड, आसाम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय जैसे राज्यो में कोंग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष या उपाध्यक्ष कभी जाते नही थे। कोंग्रेस हंमेशा अति आत्मविश्वास में रहती थी कि यहा जाने कि जरूरत नही है। उत्तर पूर्वीय राज्य हंमेशा कोंग्रेस के साथ ही रहेंगे। मगर जबसे अमित शाह ने ताबडतोड उत्तर पूर्वीय राज्यो के दौरे कर वहा के राजनैतिज्ञो एवं विधायको और सांसदो को अपने पक्ष में लेना शुरू किया उसके बाद कोंग्रेस कि नैया उत्तर पूर्वीय राज्यो में डूबती नजर आई।
उत्तर पूर्वीय राज्यो ही नही, हाल ही में अमित शाह ने राजस्थान, हरियाणा, केरल का भी दौरा किया। राजस्थान और हरियाणा में अभूतपूर्व रोड शो और रेली का कार्यक्रम भी था। ईसके साथ दलित के घर जाके खाना खाने का और पत्रकारों के साथ प्रेस कोंफरन्स का कार्यक्रम भी रहता है। ईसी तरह ओडिशा में राष्टीय कार्यकारिणी कि बैठक बुलाई गई। वहा पर भी अमित शाह ने दलितो के साथ भोजन किया। दलितो के साथ एक सुचक फोटो खिंचवाके मीडिया में दिखा के उन्होने यह दर्शाने कि कोशिस कि कि वह और उनकि पार्टी दलितो के साथ है।
पश्छिम बंगाल में भी छोटे गांव में दलितो के घर भोजन लिया और फोटो खिंचवाके मीडिया के बताया। उत्तर प्रदेश में भी वहा के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ दलितों के घर जाके एक सुचक भोजन लेकर दलितो और गरीबो के प्रति अपनी सहानुभूति दर्शाने कि कोशिस कि गई। केरल, पुडुचेरी, तामिलनाडु, आंडामान निकोबार में भी आदिवासी एवं दलितो के घर गए और जमीन पर बैठकर भोजन लेते हुए उन्होने फोटो खींचवाए और 2019 के चुनाव में भाजपा दलितो और आदिवासीओ के साथ है एसा दर्शाने कि कोशिस कि गई।
अमित शाह ने उत्तराखंड, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलांगाना, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ, जारखंड का भी दौरा किया। सभी जगह जाते है तब वह एक अपने पार्टी के भरोषोमंद दलित के यहां जा के सुचक भोज लेते है। और वह भी जमीन पर बैठ कर। हर बार जब वह भोज लेते है तब फोटो खींचवाके मीडिया के साथ अपना फोटो शेयर करते है। और सबको बताने कि कोशिस करते है कि उनकि हमदर्दी दलितो के साथ है। उसके साथ रोड शो और रेली भी करते है। कोंग्रेस के खीलाफ रेलीओ में अपने विचार व्यक्त करते है। भाजपा के विकास कि बात करते है। जो भी राज्य में जाते है वहा कि स्थानीय पार्टी भाजपा विरोधी पार्टी के खीलाफ बोलना, स्थानीय प्रश्नो को उठाना और एसे हरफनमौला जैसी बात करते है जैसे उनके पास भारत कि सभी समस्याओ का हल है। जैसे भाजपा देश कि हरएक समस्या को दूर करनेवाली है। मगर जब भी अमित शाह लोगो के बीच जाते है, लोंग उनको बडे ही ध्यान से सुनते है।
कोंग्रेस ईस बात पर पूछडती नजर आ रही है। उनके कोई भी नेता लोगो के बीच नही जाते। स्थानीय समस्याओ के बारे में जानकारी नही लेते। कभी कहते भी नही कि वह स्थानीय समस्याओ को दूर करेंगे। ईसकि वजह से लोगो कि रूची कोंग्रेस से दूर होती जा रही है। एसा लगता है जैसे कोंग्रेस सो रही है। उनको अब राजकिय पार्टी चलाने में कोई रूची रही नही है। ईसके बीच अब अमित शाह तीन दिन के दौरे पर मध्य प्रदेश जा रहे है। वहा पर भी रोड शो और रेली का आयोजन किया हुआ है। अब कोंग्रेस सीर्फ दो राज्यो में ही है। पंजाब और कर्णाटक। अमित शाह अब कर्णाटक और पंजाब में से कोंग्रेस को हटाकर भाजपा को सत्ता पर लाने के बारे में सोच रहे है। मध्य प्रदेश में रेली में वह वहा के भाजपा के मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान कि तारीफ करेंगे। दलित के साथ भोजन करके मीडिया में फोटो रीलीज करेंगे। और कोंग्रेस के भ्रष्ट्राचार कि बात करेंगे। मगर कोंग्रेस को तो ईतना करना भी नही आता। कोंग्रेस लगता है राजकिय पक्ष चलाना ही नही चाहती। कोंग्रेस का लगता है गैरजिम्मेदारानां रवैये से ईसी तरह खतम हो जाएगी। अमित शाह भाजपा के सुप्रिमो कहे जाए तो कोई आश्चर्य कि बात नही है।