लखनऊ / गोरखपुर
गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में सोमवार से लेकर आज तक 63 लोगों की मौत हो गयी है, जिसमें ज्यादातर बच्चे हैं. इनमें ज्यादातर मौतें अस्पताल में आॅक्सीजन की कमी होने की वजह से होने की बात कही गयी है, हालांकि राज्य सरकार ने इसका सिरे से खंडन किया है और कहा है कि बच्चों की मौत अलग-अलग वजह से हुई है. उधर, खबर है कि अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई करने वाली कंपनी के ठिकानों पर छापेमारी की गयी है. उक्त कंपनी ने पैसे का भुगतान नहीं होने की बात कहते हुए अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई रोक दी थी. मालूम हो कि इस इलाके में इंसेफ्लेटाइटिस की बीमारी एक बड़ी परेशानी का कारण हर साल बनती है और इसके मामले बरसात में ज्यादा आते हैं. उत्तरप्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के लिए यह हादसा एक बड़ी परेशानी का सबब बन गयी है. गोरखपुर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह जिला है और वे यहीं से सालों लोकसभा में प्रतिनिधत्व करते रहे हैं. योगी आदित्यनाथ आज एक कार्यक्रम में शामिल होने इलाहाबाद के दौरे पर हैं. योगी वहां गंगा ग्राम सम्मेलन में शामिल होने गये हैं. वहीं, बच्चों के लिए काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता व नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कहा है कि गोरखपुर में जो कुछ हुआ है, वह सिर्फ त्रासदी नहीं, बल्कि नरसंहार है. उन्होंने सवाल उठाया है कि आजादी के 70 साल का मतलब हमारे बच्चों के लिए क्या है. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि वे भ्रष्ट मेडिकल सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए एक प्रभावी हस्तक्षेप करें.
हालांकि सरकार के दावों पर कई सवाल खड़े किये जा रहे हैं. उत्तरप्रदेश के एक अग्रणी स्थानीय न्यूज चैनल ने खबर दी है कि हालात को नियंत्रित करने के लिए फैजाबाद से ऑक्सीजन के 50 सिलेंडर मंगाये गये. 11 अगस्त को दोपहर में आइजीएल ने अतिरिक्त सिलेंडर पहुंचाए गये. वहीं, गोरखपुर के मोदी फार्मा 22 सिलेंडर मंगाये गये. 11 अगस्त शाम फिर 100 सिलेंडर मोदी फार्मा से मंगाये गये. उधर, सूत्रों ने खबर दी है कि लखनऊ भेजी गयी गोपनीय रिपोर्ट में ऑक्सीजन बाधित होने का जिक्र है. ऑक्सीजन सप्लाई करनेवाली कंपनी ने दावा किया है कि अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई नहीं कर पाने की बात पहले ही बता दी गयी थी. कंपनी ने बताया कि एक अगस्त को ही गोरखपुर के जिलाधिकारी को इसकी जानकारी दे दी गयी थी. साथ ही डीजीएमई को भी मामले की जानकारी दी गयी थी. कंपनी ने गोरखपुर मेडिकल कॉलेज को भी पत्र लिख कर जानकारी देते हुए 63 लाख रुपये के बकाये का जिक्र किया था. मालूम हो कि मेडिकल कॉलेज में पुष्पा सेल्स भी ऑक्सीजन की सप्लाई करती थी. इसके बाद विभाग ने ऑक्सीजन आपूर्ति से निपटने के लिए प्राधिकरण को तीन और 10 अगस्त को पत्र लिख कर सूचना दी कि बकाया भुगतान को लेकर पुष्पा सेल्स ने सप्लाई रोक दी है. इससे ऑक्सीजन की कमी हो गयी है.
63 मौत के बाद केंद्र सरकार के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन और सरकार हरकत में आ गयी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण मंत्री अनुप्रिया पटेल को निर्देश दिया है कि वह गोरखपुर का दौरा कर अद्यतन जानकारी लें और अवगत कराएं. साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन से विस्तृत रिपोर्ट की मांग की है. वहीं, दूसरी ओर स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन बीआरडी कॉलेज ऑथोरिटी के साथ बैठक कर मामले की पूरी जानकारी ले रहे हैं.
मामले को गंभीरता से लेते हुए शनिवार की सुबह उत्तर प्रदेश सरकार के दो मंत्री गोरखपुर पहुंच गये हैं. गोरखरपुर के लिए रवाना होने से पहले स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी. हालात का जायजा लेकर वह मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे. वहीं, मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने ट्वीट कर स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और चिकित्सा शिक्षा मंत्री को उचित जांच और सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं.
गोरखपुर के हालात की समीक्षा करने के लिए समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल लखनऊ से रवाना हो चुका है. नेता विपक्ष रामगोविंद चौधरी के नेतृत्व में यह टीम रवाना हुई है. इस टीम में पूर्व चिकित्सा मंत्री राधेश्याम सिंह, विधान पार्षद सनी यादव और गोरखपुर के सपा नगर अध्यक्ष शामिल हैं. वहीं, सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा है कि मृत बच्चों के माता-पिता को मुआवजा देना चाहिए, उत्तर प्रदेश में गरीब परिवारों को मुफ्त भी दवा दी जानी चाहिए.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व में कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल शनिवार को बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज पहुंचा. इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह हृदयविदारक घटना है. बच्चों की मौत से दुःखी हूं. यह राज्य सरकार की लापरवाही के कारण हुआ. वहीं, कांग्रेस नेता आरपीएन सिंह ने कहा कि सरकारी तंत्र फेल होने से घटना घटी है.