देश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान यानि एम्स ने गरीब मरीजों को स्वतंत्रता दिवस का तोहफा देते हुए कहा है कि एम्स में 500 रुपए से कम की कीमत वाले टेस्ट मुफ्त में किए जाएंगे। जल्द ही इसे लागू किया जाएगा। एम्स प्रशासन की ओर से ये प्रस्ताव जल्दी ही स्वास्थय मंत्रालय को भेजा दिया जाएगा। इसको लेकर एम्स ने जून में 15 डॉक्टरों की एक समिति बनाई गई थी।
जो मरीजों को आने वाली परेशानियों के बारे में लगातार बैठक कर रही थी। बैठक में सामने आया था कि मरीजों को इलाज से पहले टेस्ट कराने के लिए पैसा जमा करने में घंटों लाइन में खड़ा होना पड़ता है। ऐसे में उन्हें काफी दिक्कत होती थी. इस प्रस्ताव के पास होने के बाद एम्स में ब्लड टेस्ट, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड जैसे टेस्ट कराने के लिए पैसे नहीं चुकाने पड़ेंगे।
एम्स में हर साल इलाज के लिए करीब 30 लाख मरीज यहां पहुंचते हैं। भीड़ अधिक होने से मरीजों को कई त होती हैं। संस्थान में सर्जिकल ब्लॉक बनकर तैयार है। मातृ व शिशु ब्लॉक तथा ओपीडी ब्लॉक भी जल्द तैयार हो जाएंगे।
एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया के अनुसार अस्पताल में लगभग 266 प्राइवेट रूम हैं, अगर हम प्राइवेट वार्ड का पैसा बढ़ाते भी हैं तो इससे लोगों को ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। क्योंकि किसी भी प्राइवेट अस्पताल में एक रूम का चार्ज करीब 5000 या 10000 होता बल्कि एम्स में यह सुविधा काफी सस्ती है।