नई दिल्ली
सरकार ने देश में बड़े आकार के मजबूत बैंक बनाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एकीकरण में तेजी लाने का फैसला किया है. इस काम के लिए सरकार एक वैकल्पिक व्यवस्था बनाएगी. इस व्यवस्था के तहत सरकारी बैंकों के एकीकरण प्रस्ताव की समीक्षा की जाएगी. सरकार ने देश में बड़े आकार के मजबूत बैंक बनाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एकीकरण में तेजी लाने का फैसला किया है. इस काम के लिए सरकार एक वैकल्पिक व्यवस्था बनाएगी. इस व्यवस्था के तहत सरकारी बैंकों के एकीकरण प्रस्ताव की समीक्षा की जाएगी. इसका मकसद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या कम रखकर उन्हें मजबूत बनाना है. माना जा रहा है कि बैंकों का मर्जर दो चरणों में किया जाएगा. पहले चरण में इनकी संख्या 21 से घटाकर 12 हो सकती है. वहीं, दूसरे चरण में सरकार बैंकों की संख्या घटाकर 6 पर ला सकती है. आपको बता दें कि सरकार का लक्ष्य सरकारी बैंकों का आपस में मर्जर कर देश में 5-6 बैंक बनाने का है.
माना जा रहा है कि पहले चरण में मौजूदा 21 सरकारी बैंकों की संख्या घटकर 12 की जा सकती है है. साथ ही, पहले चरण में यह भी देखा जाएगा कि एक ही तरह की तकनीकी (आइटी इंफ्रास्ट्रक्चर) इस्तेमाल करने वाले बैंकों के मर्जर की राह खोली जाए. इससे तकनीकी तालमेल बिठाने में बैंकों को ज्यादा दिक्कत नहीं होगी. इससे मर्जर प्रक्रिया जल्दी पूरी होगी. दूसरे चरण में इन बैंकों की संख्या और घटाई जा सकती है. सरकार मानती है कि देश में 5-6 से ज्यादा सरकारी बैंकों की जरूरत नहीं है. पंजाब नेशनल बैंक में ओबीसी, इलाहाबाद बैंक, कॉरपोरेशन बैंक, इंडियन बैंक का मर्जर हो सकता है. केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक और यूको बैंक का मर्जर होने की खबरें है. वहीं, यूनियन बैंक में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और देना बैंक का मर्जर किया जा सकता है. इसके अलावा बैंक ऑफ इंडिया में आंध्रा बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और विजया बैंक का मर्जर हो सकता है.
पांच सहयोगी बैंक और भारतीय महिला बैंक का मर्जर भारतीय स्टेट बैंक में 1 अप्रैल 2017 को हो चुका है. इस मर्जर के बाद एसबीआई दुनिया के 50 बड़े बैंकों की सूची में शामिल हो गया है. वित्त मंत्रालय अब इस मर्जर के मॉडल को अन्य सार्वजनिक बैंकों पर भी दोहराना चाहता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बैंकिंग विभाग में कुछ बैंकों के मर्जर को लेकर बेहद तेजी से फाइलें आगे बढ़ रही हैं. इसके तहत देश के तीन बड़े बैंकों पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), केनरा बैंक और बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) के नेतृत्व में मर्जर की गाड़ी आगे बढ़ेगी. आपको बता दें कि बैंक मर्जर को लेकर जो भी भ्रांतियां थीं, वे एसबीआई में सहयोगियों के मिलने के साथ खत्म हो गई हैं.