बीजिंग
डोकलाम विवाद के बाद भारत और चीन के बीच जारी तनातनी कम होने का नाम नहीं ले रही है. चीन लगातार भारत को धमकी दे रहा और युद्ध की तैयारी में जुटा हुआ है. वह भारत की तैयारियों से भी बेहद घबराया हुआ है. लिहाजा अब चीनी जंगी बेड़े ने पश्चिमी हिंद महासागर में लाइव फायर ड्रिल की है. चीन ने अपनी समुद्री मारक क्षमता को बेहतर बनाने के लिए यह ड्रिल की है. इससे पहले भारत डोकलाम विवाद को बातचीत से सुलझाने की वकालत कर चुका है, लेकिन चीन अपनी हरकत से बाज नहीं आ रहा है. लिहाजा ड्रैगन से निपटने के लिए भारत ने भी तैयारियां शुरू कर दी है. भारत हिंद महासागर में चुपचाप अपनी ताकत बढ़ा रहा है.
इसी के तहत पहली बार बांग्लादेश भारत की मदद से समुद्र में सैन्य अभ्यास की शुरुआत करेगा. यह सैन्य अभ्यास Indian Ocean Naval Symposium (IONS) के तहत होगा. इसकी शुरुआत भारत ने ही की थी, ताकि हिंद महासागर की सुरक्षा के मद्देनज़र पड़ोसी देशों में समन्वय बैठाया जा सके. इस सैन्य अभ्यास में करीब एक दर्जन देश शामिल होंगे. भारतीय नौसेना ‘संबंध’ कैंपेन की शुरुआत कर रही है. इसके तहत भारत कई छोटे देशों को अपने साथ लाने की तैयारी में है. इसमें बांग्लादेश, केन्या, ओमान, तनजानिया, मलेशिया, थाईलैंड और वियतनाम जैसे कई देश शामिल हैं. इस संबंध कैंपेन के तहत इन छोटे देशों के नौसेना के जवान भी भारत के INS विक्रमादित्य, INS कालवेरी जैसे विमानपोतक जहाजों पर भी ट्रेनिंग ले सकेंगे. भारत भी इन देशों के नौसेनाओं की मदद ले सकेगा.
वहीं, दूसरी ओर भारत सरकार ने चीन सीमा से सटे इलाकों में सड़क प्रोजेक्टों को जल्द पूरा करने के लिए सीमा सड़क संगठन (BRO) को अतिरिक्त प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार हस्तांतरित कर दिए थे, जिससे ड्रैगन तिलमिलाया हुआ है. बृहस्पतिवार को चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा था कि सीमा से सटे इलाके में भारत का सड़क निर्माण करना उसकी कथनी और करनी के अंतर को दर्शाता है.