वाशिंगटन
अफगानिस्तान में भारत की विकास संबंधी गतिविधियों पर इस्लामाबाद की चिंताओं को खारिज करते हुए अमेरिका ने कहा है कि पाकिस्तान युद्ध प्रभावित देश में अपनी नीतियों को जारी रखने के लिए नई दिल्ली का इस्तेमाल एक बहाने के तौर पर कर रहा है. रिपब्लिकन प्रतिनिधियों के एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कॉन्फ्रेंस कॉल में कहा, ‘अफगानिस्तान में जो कुछ भारत कर रहा है, वह पाकिस्तान के लिए खतरा नहीं है. वे सैन्य ठिकाने नहीं बना रहे. वे सैनिकों की तैनाती नहीं कर रहे.’
नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के प्रवक्ता माइकल एंटन दरअसल पाकिस्तान के उन आरोपों और भय से जुड़े सवालों का जवाब दे रहे थे, जिनका मूल सार यह था कि भारत अफगानिस्तान के माध्यम से उसे घेर रहा है. कॉन्फ्रेंस कॉल की खबर देने वाले पॉलिटिको के अनुसार, उन्होंने कहा कि यह पाकिस्तान की ओर से बनाया गया एक ‘बहाना’ है.
इस संदर्भ में पाकिस्तान की ओर से लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए एंटन ने कहा, ‘भारतीय ऐसा कुछ नहीं कर रहे, जिससे घेराबंदी होती हो. पाकिस्तानी इस बारे में शिकायत करते हैं.’ पाकिस्तान के इस किस्म के आरोप का जिक्र पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के एक हालिया बयान में है.
जब टिलरसन से पूछा गया कि क्या इन तरकीबों में पाकिस्तान पर हमला करना भी शामिल होगा, तो उन्होंने कहा, ‘मैं इस बारे में कुछ नहीं कहूंगा कि इसमें क्या-क्या शामिल हो सकता है लेकिन राष्ट्रपति इस बात को लेकर स्पष्ट रहे हैं कि हम अमेरिकी सैनिकों की रक्षा करेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘आतंकी कहीं भी रहते हों, हम उनपर हमला करेंगे. हमने लोगों से कह दिया है कि यदि आप आतंकियों को शरणस्थली उपलब्ध करवा रहे हैं तो सचेत हो जाइए. हम आतंकियों को शरणस्थली उपलब्ध करवाने वाले लोगों से कहेंगे कि वे जो कुछ कर रहे हैं, उसे बदलें और हमारी मदद करें ताकि हम उनकी मदद कर सकें.’ टिलरसन ने कहा , ‘क्योंकि मेरा मानना है कि अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता हासिल होने से अफगान लोगों के अलावा अगर कोई बड़ा लाभार्थी है तो वे हैं पाकिस्तान के लोग. उन्हें किसी भी अन्य देश से ज्यादा लाभ होगा.’