चीन की सरकारी मीडिया ने बुधवार को कहा कि भारत ने डोकलाम पर चीन का कब्जा मान लिया है, इसीलिए उसने (नई दिल्ली ने) इलाके से अपनी सेना को वापस बुला लिया है। चीनी मीडिया ने ये भी कहा कि बीजिंग ने यह साफ कर दिया है कि इलाके में उसकी सेना पेट्रोलिंग करती रहेगी। बता दें कि 28 अगस्त को दोनों देशों ने सिक्किम सेक्टर के डोकलाम एरिया में आमने-सामने तैनात अपने सैनिकों को वापस बुलाने का फैसला किया था।
16 जून को विवाद तब शुरू हुआ था, जब भारतीय सैनिकों ने इलाके में सड़क बना रहे चीनी सैनिकों को रोक दिया था। भारत के साथ ही भूटान भी इस मामले में चीन के खिलाफ था। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने ‘डोकलाम स्टैंडऑफ सेटलमेंट एक विक्ट्री फॉर एशिया’ टाइटल से एक एडीटोरियल लिखा है। इसमें कहा गया है, “डोकलाम मामले को लेकर भारत में पब्लिक के बीच यह साबित करने की कोशिश की जा रही है कि इस मसले से नई दिल्ली ने बेहद गरिमा पूर्ण तरीके से निपटा है, चीन इसका खंडन नहीं करता है।
बीजिंग की यह इच्छा थी कि वह भारतीय सैनिकों को हारे हुए चेहरे के साथ जाता हुआ ना देखे।” “लेकिन दोनों देशों में कुछ लोग अभी भी टकराव के माहौल पैदा करने में जुटे हैं, जो कि पिछले 2 महीने से चल रहा था। इस दौरान दोनों ही पक्ष एक-दूसरे से जिस तरह पेश आए, उससे इस गतिरोध पर गंभीर असर पड़ा।” अखबार ने लिखा है, कुछ भारतीय मीडिया ने डोकलाम मामले में नई दिल्ली की जीत का दावा किया है। कुछ इनसाइड स्टोरीज में भारतीय पक्ष का इसमें अपर हैंड बताया गया है।
लेकिन चीन ने इस मामले में संयम बरता और भारत को परेशान होने से बचा लिया।” सच्चाई ये है कि भारत ने सोमवार को इलाके से अपने सैनिकों को वापस बुला लिया। ऐसा करके नई दिल्ली ने यह मान लिया है कि डोकलाम पर असल कब्जा चीन का है। भारत में राष्ट्रवादी भावना बढ़ रही है, ऐसी स्थिति में मोदी सरकार के लिए भारतीय सैनिकों को वापस बुलाने का फैसला आसान नहीं था।”