भारत के नए खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर की पहली प्राथमिकता खिलाड़ियों को सुविधा और सम्मान दिलाना है। राठौर ने सोमवार को पदभार ग्रहण करने के बाद कहा कि खिलाड़ियों को देश में वीआईपी जैसा सम्मान मिलना चाहिए। एथेंस ओलम्पिक में डबल ट्रैप, निशानेबाजी का रजत पदक जीतने वाले राठौर ने दोपहर 12.40 पर पदभार ग्रहण किया और फिर मीडिया को सम्बोधित करते हुए कहा कि खिलाड़ी उनके लिए सर्वोपरि हैं और इस पद पर रहते हुए उनका एकमात्र मकसद खिलाड़ियों को सुविधा और सम्मान प्रदान करना है।
खेल मंत्री ने कहा कि देश को खिलाड़ियों को लेकर अपनी सोच बदलनी चाहिए और उन्हें वीआईपी जैसा सम्मान देना चाहिए। राठौर ने कहा, “मेरा सफर भी खेल मंत्रालय के रिसेप्शन से शुरू हुआ था। मैं जानता हूं कि आज खिलाड़ियों को क्या चाहिए। मेरे समय में भी खिलाड़ियों को सम्मान की भूख थी और सुविधाओं की कमी थी और यह सिलसिला आज भी जारी है। मेरी प्राथमिकता खिलाड़ियों को उचित सुविधा और सम्मान दिलाना होगा। हमें खिलाड़ियों को वीआईपी जैसा सम्मान देना होगा।”
राठौर खेल मंत्रालय की कुर्सी तक पहुंचने वाले देश के पहले खिलाड़ी हैं। सेना से सेवानिवृत कर्नल राठौर ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद दिया और कहा कि वह खेल मंत्रालय का ‘ऐटीट्यूड’ बदलने का भरसक प्रयास करेंगे। राठौर ने कहा, “हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि खिलाड़ियों की परेशानी क्या है और मंत्रालय आने तथा अपने काम के लिए उन्हें परेशान तो नहीं होना पड़ रहा है। हमारे लिए खिलाड़ी ही वीआईपी है और हम उसे पूरा सम्मान देने का प्रयास करेंगे।”
एक खिलाड़ी होने के नाते क्या वह अपने साथ काम करने वालों में खिलाड़ियों को शामिल करना पसंद करेंगे? इस सवाल पर राठौर ने कहा, “अनुभवी खिलाड़ियों को हम अपने साथ रखना चाहेंगे। साथ ही साथ हम चाहते हैं कि युवाओं को खेलों के लिए प्रेरित करने के लिए परिजन आगे आएं क्योंकि खेलों से भी नेतृत्व क्षमता निखरती है।”