इस्लामाबाद
आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दबाव का सामना कर रहे पाकिस्तान ने आज चीन सहित ब्रिक्स देशों के घोषणापत्र को खारिज करते हुए और कहा कि उसकी धरती पर आतंकवादियों के लिए कोई ‘सुरक्षित पनाहगाह’ नहीं है। ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के नेताओं ने कल चीन के श्यामन में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में 43 पृष्ठों वाला घोषणापत्र पारित किया गया और जिसमें क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति के साथ ही तालिबान, आईएसआईएस, अलकायदा और उसके सहयोगी संगठनों ईस्टर्न तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट, इस्लामिक मूवमेंट ऑफ उम्बेकिस्तान, हक्कानी नेटवर्क, लश्करे तैयबा, जैशे मोहम्मद, तहरीके तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी)और हिम्ब उत तहरीर द्वारा की जाने वाली हिंसा पर चिंता व्यक्त की गई।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री खुर्रम दस्तगीर ने नेशनल असेंबली की रक्षा पर स्थायी समिति की एक बैठक में कहा कि हम ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के सदस्य देशों की ओर से जारी घोषणापत्र को खारिज करते हैं। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान ने अपनी धरती पर सभी समूहों के खिलाफ कार्रवाई की है और थोड़े बहुत ही बचे रह गए हैं। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान का 40 प्रतिशत हिस्सा आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह है। दस्तगीर ने अफगानिस्तान के पुर्निनर्माण के लिए अमेरिका के ‘इंस्पेक्टर जनरल’ की एक रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि अफगानिस्तान के 407 जिलों में से मात्र 57 प्रतिशत ही उनके नियंत्रण में है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हाल की टिप्पणी के बाद पाकिस्तान की योजना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री क्षेत्रीय साझेदारों से मशविरा करेंगे और उसके बाद अमेरिका जाएंगे। दस्तगीर ने कहा कि इससे बेहतर संवाद में मदद मिलेगी। हम सभी मामलों को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाना चाहते हैं क्योंकि पाकिस्तान में अमेरिका की किसी भी कार्रवाई से अस्थिरता उत्पन्न होगी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की जमीनी, हवाई और समुद्री सीमाओं की सख्त निगरानी की जा रही है और देश को विदेशी आक्रमण का कोई खतरा नहीं है।