लखनऊ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के विभिन्न शहरों में मेट्रो परियोजना के निर्माण के लिये अलग-अलग निगम बनाने के बजाय एक ‘यूपी मेट्रो कॉर्पोरेशन’ के गठन का ऐलान करते हुए मेट्रो मैन ई.श्रीधरन से उसके प्रधान सलाहकार के रूप में जुडऩे की अपेक्षा की। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यपाल राम नाईक, केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी के साथ लखनऊ मेट्रो का शुभारम्भ करते हुए कहा कि अभी तक मेट्रो के लिये अलग-अलग कारपोरेशन बन रहे थे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सहयोग को देखते हुए हम ‘यूपी मेट्रो कारपोरेशन’ का गठन करेंगे जो सम्बन्धित शहर में मेट्रो विकसित करेगा। हम श्रीधरन जी से इसके प्रधान सलाहकार के रूप में सहयोग की अपेक्षा करेंगे। योगी ने कहा,‘‘अलग अलग मेट्रो कारपोरेशन ना बनाकर यूपी मेट्रो कारपोरेशन का गठन किया जाएगा जो विभिन्न शहरों में मेट्रो विकसित करने का कार्य कर सके।’’ उन्होंने बताया कि नोएडा और गाजियाबाद शहरों में पहले से मेट्रो है। लखनऊ मेट्रो की आज से शुरूआत हो गयी। अब कानपुर, आगरा, मुरादाबाद, इलाहाबाद, गोरखपुर, वाराणसी, झांसी और मेरठ में भी मेट्रो परियोजना शुरू की जाएगी। योगी ने कहा कि नये प्रस्तावित शहरों में मेट्रो की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) या तो तैयार हो चुकी है या फिर इसकी प्रक्रिया चल रही है। लखनऊ मेट्रो परियोजना के तीन के बजाय दो साल में पूरा करने के लिये ‘मेट्रो मैन’ और उनकी पूरी टीम को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि श्रीधरन देश की उस नौकरशाही के लिये मिसाल हैं जो कार्य की लेटलतीफी के लिये जानी जाती है। उन्होंने कहा,‘‘किसी परियोजना का समय पर पूरा ना होना राष्ट्रीय क्षति है क्योंकि लागत बढने से राजकोष पर बोझ बढता है।‘‘ योगी ने कहा कि मेट्रो की शुरूआत से लोगों को सस्ती सुविधा मिलेगी। जाम से मुक्ति मिलेगी और यह पर्यावरण के अनुकूल परिवहन साधन है। केन्द्रीय गृह मंत्री और लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह ने मेट्रो की शुरुआत को लखनऊ के लिये ही नहीं बल्कि पूरे सूबे के लिये ऐतिहासिक बताते हुए इसे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को सर्मिपत किया। उन्होंने कहा, ‘‘अटल जी ने 25 दिसम्बर 2000 को दिल्ली में मेट्रो का शुभारम्भ किया था। लखनऊ का सांसद होने के नाते मैं इस मेट्रो परियोजना को अटल जी को सर्मिपत करता हूं।’’ सिंह ने कहा कि कम प्रदूषण में आवागमन की बेहतर सुविधा देने वाली लखनऊ मेट्रो परियोजना से इस महानगर के विकास की सम्भावनाओं के द्वार भी खुल गये हैं। लखनऊ को स्मार्ट सिटी बनाने का काम भी प्रारम्भ हो चुका है। मेट्रो का संचालन शुरू होने के बाद लखनऊ की स्मार्टनेस बढ़ गयी है। अब यह नवाबों के शहर के साथ-साथ प्रदेश में ‘मेट्रो के शहर’ के रूप में भी जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि मेट्रो विकास संभावनाओं के नये द्वार खोलती है और लखनऊ के विकास के द्वार खुल गये हैं। सिंह ने श्रीधरन की तारीफ करते हुए कहा कि उनके जैसे प्रतिभाशाली व्यक्ति की जितनी प्रशंसा की जाए, वह कम है। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि आधुनिक परिवहन यदि किसी को तलाशना हो तो लोग लखनऊ को मॉडल के रूप में देखें। इसके पूर्व, मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना 6880 करोड़ रुपये की है। इसमें 1300 करोड़ रुपये केन्द्र सरकार ने दिये हैं, 2078 करोड़ रुपये राज्य सरकार का योगदान और 3502 करोड़ का यूरोपियन इन्वेस्टमेंट बैंक ने कर्ज दिया है। इस परियोजना को व्यावसायिक ²ष्टि से लाभकारी माना गया है। इससे लोगों को खासी सहूलियत होगी। उन्होंने कहा कि लखनऊ मेट्रो का संचालन इसलिये भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि उनकी सरकार प्रदेश में छह-सात शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करेगी। हम तमाम विकास योजनाओं को लेकर चल रहे हैं। इस मौके पर राज्य के दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, दिनेश शर्मा, राज्य सरकार की मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, बृजेश पाठक, आशुतोष टंडन, स्वाती सिंह, सुरेश पासी, मोहनलालगंज से सांसद कौशल किशोर के अलावा तमाम गणमान्य लोग मौजूद थे। कार्यक्रम के बाद राजनाथ, नाईक, योगी और पुरी ने हरी झंडी दिखाकर मेट्रो के पहले सफर की शुरूआत की। सभी लोग ट्रांसपोर्ट नगर से चारबाग तक मेट्रो में गये और वापस आये। रास्ते में जगह जगह लोग अपनी छतों के उपर झंडे और गुब्बारे लहराते दिखे। छतों पर खड़े लोगों ने हाथ हिलाकर मेट्रो में सफर कर रहे मुसाफिरों का अभिवादन किया।