वाराणसी
बीएचयू के कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने गुरुवार को कहा कि अगर उनको छुट्टी पर जाने को कहा जाएगा तो वह अपने पद से त्यागपत्र दे देंगे। हालांकि उनसे अभी ऐसा कुछ नहीं कहा गया है।
मंत्रालय ने इस बीच त्रिपाठी के उत्तराधिकारी के लिए नामों को शॉर्टलिस्ट करने की सामान्य प्रक्रिया शुरू कर दी है। वह काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) परिसर में हाल में हुई हिंसा से निपटने को लेकर विवाद के केंद्र में हैं। उनका कार्यकाल 30 नवंबर को समाप्त हो रहा है।
त्रिपाठी ने कहा, ‘अब तक मुझसे इस तरह की कोई भी बात नहीं कही गई है। मैं घटना के दिन से मानव संसाधन विकास मंत्री (प्रकाश जावड़ेकर) से संपर्क में हूं और उनको स्थिति और उठाए गए कदमों से अवगत कराया है। बहुत कुछ किया है, कार्यकाल समाप्त होने से दो माह पहले छुट्टी पर जाना अपमानजनक होगा। ऐसे में मैं पद छोड़ना पसंद करूंगा।’ कुलपति ने कहा कि उन्होंने विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने की दिशा में कई काम किए हैं।
जांच दल भेजने पर आज फैसला करेगा महिला आयोग, राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) कथित लाठीचार्ज के मामले में सारे तथ्यों का पता लगाने के लिए बीएचयू में जांच दल भेजने के बारे में शुक्रवार को फैसला कर सकता है।
आयोग की वरिष्ठ सदस्य रेखा शर्मा ने गुरुवार को बताया, ‘आज भी कुछ छात्र आए थे। हम जांच करवा सकते हैं। एनसीडब्ल्यू बीएचयू जा सकता है।’ उन्होंने कहा, ‘अभी तो वहां छात्र छुट्टी पर गए हुए हैं। हम पता करवाएंगे कि छात्र कब छुट्टी से वापस लौट रहे हैं। इस बारे में कल ही कुछ बता पाऊंगी।’ इस बीच, दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर बीएचयू के कुलपति को बर्खास्त करने और छात्राओं को सुरक्षा देने की मांग की। एनसीडब्ल्यू की निष्क्रियता शर्मनाक : सुष्मिता
महिला कांग्रेस की नवनियुक्त अध्यक्ष एवं लोकसभा सदस्य सुष्मिता देव ने बीएचयू में छात्राओं पर हुए लाठीचार्ज को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग पर बरसते हुए गुरुवार को कहा कि इस मामले में उसकी निष्क्रियता शर्मनाक है। साथ ही उन्होंने कहा कि वह इसके विरोध में आयोग को एक पत्र लिखकर पूरे मामले की जांच कराने की मांग करेंगी।