नई दिल्ली
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शनिवार को ट्वीट कर जानकारी दी कि कुवैत में 15 भारतीयों की मौत की सजा उम्र कैद में बदल दी गई है। उन्होंने कहा कि कुवैत के अमीर ने वहां की जेलों में बंद 119 भारतीयों की सजा कम करने के निर्देश भी दिए हैं। सुषमा ने ट्वीट किया, “कुवैत के अमीर ने खुशी से भारतीयों की मौत की सजा उम्रकैद में तब्दील कर दी है।”
सुषमा स्वराज ने कुवैत के अामिर को दया भरा रुख अख्तियार करने के लिए शुक्रिया कहा। उन्होंने कहा कि जो भारतीय कुवैत की जेलों से रिहा किए जाएंगे उन्हें वहां की भारतीय असेंबली मदद करेगी। जुलाई में सऊदी अरब के जेद्दाह शहर में एयरपोर्ट पर फंसे भारतीयों ने सुषमा स्वराज से मदद मांगी थी। ये वर्कर्स भूख से परेशान थे, उन्होंने ट्वीट कर सुषमा को इस बारे में जानकारी दी थी। सुषमा स्वराज ने भारतीय एम्बेसी की मदद तक इन वर्कर्स तक खाना पहुंचवाया था। विदेश मंत्री ने ट्वीट किया था- ”मैं वादा करती हूं कि सऊदी में जॉबलेस कोई भी इंडियन वर्कर भूखा नहीं रहेगा।”
मई में सुषमा स्वराज ने सऊदी अरब में बेची गई और अत्याचार की शिकार सुखवंत कौर को भारत लाने में मदद की थी। भारत आने पर सुषमा ने महिला की फोटो भी पोस्ट की थी। – सुषमा ने अपने ट्वीट में एक अंग्रेजी न्यूजपेपर की वेबसाइट पर इस बारे में चली खबर को अटैच किया था। महिला के पति कुलवंत सिंह ने सुषमा से मदद की अपील की थी, जिसके बाद सऊदी अरब की इंडियन एम्बेसी ने उन्हें सभी संभव मदद का भरोसा दिलाया था।
सुषमा ने मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने पर विदेश मंत्रालय के कामकाज का ब्योरा मीडिया के सामने रखा था। इस दौरान उन्होंने कहा था, ”हमने खाड़ी देशों से 80 हजार भारतीयों को निकाला। सऊदी और यूएई में सबसे ज्यादा कामगार जाते हैं। वहां दो कंपनियों में दिक्कत आई। कुछ लोगों को वहीं दूसरी नौकरी मिल गई और कुछ देश वापस आ गए। मैंने पिछले दिनों गल्फ राजदूतों से इस बारे में बात की थी।”
“लोगों को लाने पर एक रुपया भी खर्च नहीं हुआ। इसके लिए एक फंड होता है। भारत सरकार से पैसा नहीं लिया। उजमा का मामला है। वो विजिट वीजा पर गई थी। उसने वहां हमारी एम्बेसी को घर माना। ये मानवीय संवेदना का मामला है। इसमें पैसा नहीं देखा जाता।”