रेलतंत्र में हुई शिकायते रेलतंत्र का मैनेजमेंट है कमजोर

भोपाल
आपका मैनेजमेंट तो कमजोर है। इससे अच्छा तो सुरेश प्रभु (तत्कालीन रेलमंत्री) का दौर था। कम से कम समस्या तो सुनी जाती थी और यात्रियों को तत्काल मदद मिलती थी। मौजूदा रेलमंत्री पीयूष गोयल के ट्विटर हैंडल पर यह बात जयपुर-मैसूर सुपरफास्ट ट्रेन में सफर कर रही महिला यात्री के पति ने लिखी। महिला रविवार को नागपुर से अपने बेटे के साथ ट्रेन में बैठी थी। जिसका एक अन्य यात्री से सीट को लेकर विवाद हो गया। यह बात महिला के पति को पता चली तो उसने रेलमंत्री को 6 घंटे में 45 बार शिकायत की। लेकिन शिकायत सुनने ट्रेन में कोई नहीं पहुंचा। जिस पर महिला के पति ने मौजूदा रेलमंत्री के प्रबंधन पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। नागपुर निवासी मोहन फकीरचंद ने बताया कि उनकी पत्नी ज्योति और बेटा जयपुर मैसूर सुपरफास्ट एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 12975) में सुबह 11 बजे नागपुर स्टेशन से कोटा जाने के लिए बैठे थे। उन्हें कोच एस-4 में 63 नंबर की आरएसी लोअर बर्थ मिली थी। जिस पर कुछ यात्री उन्हें बैठने नहीं दे रहे थे। इसको लेकर विवाद हो गया। पत्नी और बेटे ने पहले तो ट्रेन में टीटीई स्टॉफ को ढूंढ़ा। लेकिन कोई भी नहीं मिले। मोहन फकीरचंद ने रेलमंत्री पीयूष गोयल के अधिकृत ट्विटर हैंडल पर दोपहर 1.50 बजे पूरे मामले की जानकारी देकर मदद मांगी। लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। ट्रेन में भी शिकायत को अटेंड करने कोई नहीं आया।
जिस पर मोहन फकीरचंद ने डीआरएम नागपुर और भोपाल को ट्विटर पर शिकायत की। फिर भी कोई मदद नहीं मिली। तब तक ट्रेन इटारसी पहुंच गई। ट्रेन के भोपाल पहुंचने तक मोहन फकीरचंद ने 45 बार शिकायत की। फिर भी कोई सुनवाई नहीं हुई तो महिला के पति ने रेलमंत्री पीयूष गोयल के ट्विटर हैंडल पर लिखा कि अधिकारियों ने शिकायत का निराकरण नहीं किया। आपका मैनेजमेंट ही कमजोर है। इससे अच्छा सुरेश प्रभु का दौर था। जिस पर रेलमंत्री की तरफ से कोई जवाब नहीं आया। इधर मोहन फकीरचंद की पत्नी ने नवदुनिया को उज्जैन पहुंचने पर बताया कि वे और उनका बेटा बहुत विषम परिस्थितियों में सफर कर रहे हैं।

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