नई दिल्ली
कड़ी सुरक्षा के बीच गुरुवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा की सभी 68 सीटों पर शांतिपूर्ण तरीके से मतदान संपन्न हो गया। निवार्चन आयोग ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में शाम पांच बजे तक 74 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों में यह सबसे ज्यादा मतदान प्रतिशत है।
उप चुनाव आयुक्त संदीप सक्सेना ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि हिमाचल प्रदेश की 68 सीटों पर सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक हुआ मतदान पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहा। सक्सेना ने कहा कि शाम पांच बजे मतदान खत्म होने तक 74 प्रतिशत मतदान हुआ था। लगभग 500 मतदान केन्द्रों पर मतदाताओं की कतारें लगी हुयी थीं इसलिये मतदान का स्तर बढ़ना तय है।
सक्सेना ने कहा कि राज्य में हुये मतदान के दौरान कहीं से भी किसी भी तरह की हिंसा या अप्रिय घटना की कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं की गयी है। उन्होंने इसे शांतिपूर्ण, सुरक्षित एवं निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिये आयोग द्वारा किये गये पुख्ता इंतजामों का परिणाम बताया।
बीजेपी के सीएम उम्मीदवार धूमल का दावा, 60 सीट जीतकर बनाएंगे सरकार
हिमाचल प्रदेश के 68 विधानसभा सीटों पर गुरुवार को मतदान संपन्न हो गए। राज्यभर के 50 लाख से अधिक मतदाताओं ने एकल चरण में हुए चुनाव में अपने-अपने मताधिकार का प्रयोग किया। मतदान की प्रक्रिया सुबह आठ बजे शुरू हुई और शाम पांच बजे तक जारी रही। चुनाव आयोग ने शांतिपूर्ण चुनाव के लिए करीब 37,000 कर्मचारियों-अधिकारियों की तैनाती की थी। इनके अलावा 17,770 पुलिसकर्मियों और होमगार्ड के जवानों को भी तैनात किया था। शाम 4 बजे तक कुल 65 फीसदी वोटिंग की खबर थी, जिसे और बढ़ने की संभावना है। इस बीच बीजेपी के सीएम उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल ने दावा किया है कि बीजेपी 60 सीटें जीतकर राज्य में अगली सरकार बनाएगी।
इस बार चुनाव मैदान में 19 महिलाओं सहित 337 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। चुनावी दौड़ में 112 निर्दलीय उम्मीदवार भी हैं। मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच है। चुनाव आयोग ने पहली बार सभी बूथों पर वीवीपीएटी लगे ईवीएम मशीनों का इस्तेमाल किया है। ताकि गोपनीयता के मामले में किसी तरह का कोई समझौता ना हो सके।
कांग्रेस ने निवर्तमान मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर खड़ा किया है जबकि भाजपा की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल मैदान में हैं। वीरभद्र सिंह और धूमल दोनों ने ही अपने गृहनगरों रामपुर और समीरपुर में परिवार के सदस्यों के साथ वोट डाले। राज्य में 19 लाख महिलाओं और 14 ट्रांसजेंडर मतदाताओं सहित कुल 50.25 लाख मतदाताओं नेउम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद कर दी है। इनके नतीजे अब 18 दिसंबर को आएंगे।
दोपहर दो बजे तक 54.09 प्रतिशत मतदान रिकॉर्ड किया गया है। शाम तक करीब 70-80 फीसदी टर्नआउट की उम्मीद है।
हिमाचल प्रदेश विधान सभा चुनाव में गुरुवार को मतदान के दिन एक बड़ा ही दिलचस्प वाकया देखने को मिला। दरअसल प्रेदश के मनाली शहर के एक मतदान केन्द्र पर एक दूल्हा अपनी शादी से ठीक पहले मतदान के लिए आया। यहां पर मजेदार बात यह रही कि वह व्यक्ति दूल्हे के कपड़े में ही मतदान करने आया था।
लाहौल-स्पीति जिले का हिक्किम मतदान केंद्र देश में सर्वाधिक ऊंचाई पर स्थित मतदान केंद्र है। यह 14,567 फीट की ऊंचाई पर है और यहां 194 मतदाता हैं। वहीं, किन्नौर में का गांव में सबसे कम छह मतदाता हैं।
राज्य में मतदान प्रक्रिया की शुरुआत धीमी रही। शुरुआती घंटे में पांच फीसदी से भी कम मतदान हुआ। सुबह 10 बजे तक 13 फीसदी मतदान हुआ। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं बड़ी संख्या में मतदान करने घर से निकल रही हैं।
राज्य में 37,000 से भी ज्यादा चुनाव अधिकारी, 17,770 पुलिसकर्मी, होम-गार्ड्स और अर्द्धसैनिक बलों की 65 कंपनियां तैनात की गई हैं। इसके अलावा आयोग ने राज्य के 12 जिलों में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए 2,300 पोलिंग स्टेशंस से लाइव वेबकास्ट का भी इंतजाम किया है।
राज्य में पहली बार चुनाव आयोग VVPAT मशीनों का प्रयोग करेगा। राज्य में 19 लाख महिलाओं और 14 ट्रांसजेंडर सहित कुल 50.25 लाख मतदाता उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। चुनावी मैदान में कुल 338 उम्मीदवार हैं। नामी चेहरों में निवर्तमान मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल व 62 निवर्तमान विधायक ताल ठोंक रहे हैं।
कांग्रेस और भाजपा ने सभी 68 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं जबकि बहुजन समाज पार्टी ने 42 सीटों और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पाटी (माकपा) ने 14 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। मतगणना 18 दिसंबर को गुजरात चुनाव की मतगणना के साथ ही होगी। देश के वोटर श्याम सरन नेगी ने कलपा पोलिंग बूथ पर अपना वोट डाला।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को हिमाचल प्रदेश के लोगों से राज्य विधानसभा चुनाव के लिए ‘रिकॉर्ड संख्या’ में मतदान करने की अपील की। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ”आज देवभूमि हिमाचल प्रदेश में मतदान का दिन है। मेरी विनती है कि सभी मतदाता लोकतंत्र के महापर्व में भाग लें और भारी संख्या में मतदान करें।”
वीरभद्र सिंह ने एएनआई से कहा, ‘अगली सरकार कांग्रेस की ही होगी।’ दूसरी तरफ भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने ट्विटर पर लोगों से राज्य का सम्मान लौटाने की अपील की। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने मतदान की पूर्व संध्या पर लोगों कांग्रेस के लिए मतदान की अपील की। उन्होंने लिखा, ‘हिमाचल के लोगों की रगों में मेहनत बहती है। आपकी सेवा में अपना जीवन देना मेरे लिए सम्मान है। यहां तक कि निजी हमले भी मुझे रोक नहीं सकते। मुझे लगता है कि मिलकर हम हिमाचल प्रदेश को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं। एक बार फिर, मैं आपसे कांग्रेस को वोट देने की अपील करता हूं।’
वोट डालने के बाद हमीरपुर से भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि ‘समय आ गया है, लोगों ने अपना मन बना लिया है कि हिमाचल प्रदेश को लूटने वाली कांग्रेस से मुक्ति पानी है। राज्य को धूमल जी जैसे वरिष्ठ नेता की जरूरत है जो राज्य को 50,000 करोड़ से भी ज्यादा के कर्ज से उबार सके।’ किन्नौर के पोलिंग स्टेशन संख्या 55 में तकनीकी दिक्कत के चलते अब तक मतदान शुरू नहीं हो सका है। इस बूथ को पूरी तरह महिलाएं मैनेज कर रही हैं।
इस चुनाव में बीजेपी व कांग्रेस सभी 68 सीटों पर लड़ रहे हैं। बसपा 42 सीटों पर लड़ रही है जबकि सीपीआई (एम) ने 14 सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह अरकी से चुनाव लड़ रहे हैं जबकि धूमल ने अपना विधानसभा क्षेत्र बदलकर सुजानपुर कर दिया है।
हाल ही में चुनाव आयोग ने आदेश दिया था कि हिमाचल प्रदेश चुनाव के एग्जिट पोल 14 दिसंबर से पहले जारी नहीं किये जा सकते। ऐसा इसलिए किया गया ताकि गुजरात में मतदान प्रभावित न हो। गुजरात में 9 व 14 दिसंबर को मतदान होना होगा। दोनों राज्यों की मतगणना एक ही दिन (18 दिसंबर) को होगी। सभी 68 सीटों पर मतदान शुरू हुआ। धर्मशाला व समीरपुर की तस्वीरें एएनआई के सौजन्य से आई हैं। इसके अलावा शिमला के रामपुर से मतदान कर निकलते वोटर्स।
राज्य में एक ही चरण में मतदान संपन्न होगा। मतगणना 18 दिसंबर को की जाएगी। 68 सदस्यीय हिमाचल प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल जनवरी 2018 में खत्म हो रहा है। कुल 338 उम्मीदवारों में 329 पुरुष हैं और सिर्फ 19 महिला उम्मीदवार हैं। चुनाव प्रचार अभियान पर नजर डालें तो भारतीय जनता पार्टी की ओर से खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कमान संभाल रखी थी। सत्ताधारी कांग्रेस के ज्यादातर बड़े नेता गुजरात पर फोकस कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद हैं कि वीरभद्र सिंह बीजेपी की रणनीति को काट पाने में फिर कामयाब रहेंगे।