श्रीनगर
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों से मुठभेड़ में मारे गए आतंकी को दफनाए जाने के मौके पर उमड़ी भीड़ के इस्लामिक स्टेट के समर्थन में नारे लगाने की बात सामने आई है। श्रीनगर-गुलमर्ग रोड स्थित पारम्पोरा इलाके में आतंकी को दफनाते वक्त तमाम लोगों ने इस्लामिक स्टेट और जाकिर मूसा के समर्थन में नारे लगाए। यही नहीं इन लोगों ने अलगाववादी संगठन हुर्रियत कॉन्फ्रेंस और सुरक्षा बलों के खिलाफ भी नारेबाजी की।
तहरीक-उल-मुजाहिदीन के आतंकी मुगीस अहमद मीर को दफनाते समय लोगों ने ‘ना हुर्रियत वाली शरीयत, ना हुर्रियत वाली आजादी, कश्मीर बनेगा दारुल इस्लाम’ जैसे नारे लगाए। सुरक्षा बलों ने श्रीनगर के बाहरी इलाके जकूरा में मुठभेड़ के दौरान मुगीस अहमद मीर को मार गिराया था। मुगीस के समर्थकों ने उसके शव को इस्लामिक स्टेट के झंडे में लपेटकर अंतिम यात्रा निकाली। इस नारेबाजी से सूबे में इराक और सीरिया में सक्रिय खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के प्रभाव के संकेत मिले हैं।
हालांकि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने रविवार को राज्य में आईएस का कोई प्रभाव होने की बात से साफ इनकार कर दिया। यही नहीं पुलिस ने कहा कि बुरहान वानी के मारे जाने के बाद इस्लामिक स्टेट के कमांडर बने जाकिर मूसा को भी बहुत ज्यादा समर्थन नहीं मिल रहा है। सुरक्षा बलों ने 2016 में एक मुठभेड़ के दौरान बुरहान वानी को मार गिराया था। कश्मीर के आईजी मुनीर खान ने कहा, ‘हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि आखिर जम्मू-कश्मीर में जारी आतंकवाद पर इस्लामिक स्टेट का प्रभाव कितना है।’