नई दिल्ली
महिलाओं को सहुलियत देने के लिए अब सरकार वॉशिंग मशीन, फ्रिज और एसी पर जी.एस.टी. कम करने पर विचार कर रही है। अभी इन पर 29 फीसदी टैक्स लगता है। इस बारे में जी.एस.टी. काउसिंल अगले महीने फैसला ले सकती है। जानकारी के मुताबिक सरकार के इस कदम से इस सेक्टर में आ रही मंदी कम होगी। इन रेट्स को कम करना इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि यह प्रोडक्ट्स महिलाओं के रोज के काम काज को आसान करते हैं, इसीलिए इन प्रोडक्ट्स पर जी.एस.टी. कम करना बेहद जरूरी है।
दुनियाभर में यह मान्यता है कि डिश वॉशर्स और वॉशिंग मशीन्स जैसे प्रॉडक्ट्स महिलाओं का बोझ कम करते हैं। इस प्रोडक्ट्स के आने से महिलाओं की काम में एनर्जी कम लगती है, साथ ही कम टाइम भी लगता है। बता दें कि अभी टैक्स ज्यादा होने से इन गुड्स की डिमांड काफी कम हो गई है। वहीं प्रोडक्शन में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं हुई है। इस वजह से कंपनियां और रिटेल डीलर्स बार-बार सरकार से टैक्स कम करने की गुजारिश कर रहे थे। जी.एस.टी. के लागू होने से पहले सरकार का तर्क था कि यह लक्जरी आइटम हैं, इसलिए इनको अधिकतम स्लैब में रखा जाए।
पिछले हफ्ते गुवाहटी में हुई दो दिवसीय जीएसटी काउंसिल की बैठक में कुल 211 वस्तुओं की जी.एस.टी. दरों में बदलाव किया गया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जी.एस.टी. काउंसिल की बैठक के बाद बताया कि 178 वस्तुओं पर जी.एस.टी. दर घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। 28 प्रतिशत वाले स्लैब में अब 228 वस्तुएं नहीं सिर्फ 50 वस्तुएं ही रह गई हैं।