नई दिल्ली
कांग्रेस की कमान राहुल गांधी को दिए जाने के प्रस्ताव के कार्यसमिति में पारित होने के मौके पर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। सोनिया ने कांग्रेस कार्यसमिति को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार के अहंकार के चलते संसदीय लोकतंत्र प्रभावित हुआ है। बीजेपी पर संसद का सामना करने से डरने का आरोप लगाते हुए सोनिया ने कहा कि उन्होंने अजीब से कारणों का हवाला देते हुए शीत सत्र को ही टाल दिया है। सोनिया गांधी ने कहा कि पीएम दोषपूर्ण जीएसटी लागू करने के लिए आधी रात को संसद सत्र बुला सकते है लेकिन अब शीतकालीन सत्र ना बुलाकर सदन का सामना करने से बच रही है।
साथ ही उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सरकार गलतफहमी में है कि वो संसद के सत्र को रोककर अपनी संसदीय जिम्मेदारियों से पल्ला झाड लेगी। सोनिया ने कहा कि यदि कोई लोकतंत्र के मंदिर पर ताला लगाने की सोचता है तो यह गलत है। चुनाव से पहले यह संवैधानिक जिम्मेदारी से भागने जैसा है। नोटबंदी को लेकर सरकार पर अटैक करते हुए कांग्रेस अध्यक्षा ने कहा कि एक साल बीते गया है। नोटबंदी से कोई फायदा नहीं हुआ है, लेकिन किसानों, छोटे कारोबारियों, घरेलू महिलाओं और दिहाड़ी मजदूरों के जख्मों पर नमक जरूर पड़ा है।
सोनिया ने कहा कि कुछ अमीर लोगों का भला करने के लिए असंख्य गरीबों और शोषितों का भविष्य बर्बाद किया जा रहा है। सोनिया ने पीएम मोदी पर संसद का सामना करने से डरने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने जीएसटी के उत्सव के लिए आधी रात को संसद बुला ली थी, लेकिन आज उनके भीतर संसद का सामना करने का साहस नहीं है।
ज्ञातव्य है कि पारंपरिक तौर पर संसद का शीतकालीन सत्र नवंबर के तीसरे सप्ताह से शुरू होता है और दिसंबर के तीसरे सप्ताह तक चलता है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सरकार संभवत: 10 दिनों का सत्र दिसंबर के दूसरे सप्ताह में बुला सकती है। ज्ञातव्य है कि केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि सरकार संसद का सत्र बुलाने से भाग नहीं रही है। उन्होंने कहा कि जल्द ही सरकार इस संबंध में फैसला लेगी।