नई दिल्ली
रसोई गैस की बढ़ती कीमतों से आम आदमी की रसोई का बजट हिला कर रख दिया है। महंगे रसोई गैस से निजात दिलाने के लिए सरकार ऐसे विकल्प पर सोच रही है जिससे कि ग्राहकों को एलपीजी सिलेंडर करीब आधी कीमत का भुगतान कर ही दिया जा सके। अभी एक सिलेंडर (यूपी में) के लिए ग्राहकों से करीब 937 रुपए लिए जाते हैं। बाद में सब्सिडी के करीब 434 रुपए ग्राहकों के खाते में लौटाए जाते हैं। कई ग्राहकों को सिलेंडर लेते वक्त 900 रुपए से भी ज्यादा चुकाना भारी लगता है। कर्नाटक के कुछ इलाके में तो कीमत हजार रुपए पार कर गई है। इसे लेकर सरकार की काफी आलोचना भी होती रही है। ऐसे में सोचा जा रहा है कि सब्सिडी की रकम सरकार सीधे गैस कंपनी के खाते में जमा करा दे। ग्राहकों से लेकर फिर ग्राहकों को लौटाने का कोई मतलब नहीं। यह व्यवस्था लागू हुई तो सिलेंडर लेने के लिए केवल करीब 500 रुपए ही देने होंगे। सब्सिडी की रकम नहीं देनी होगी।
सरकार की तरफ से किए जा रहे इस फैसले पर पेट्रोलियम मंत्रालय के सीनियर अधिकारी ने बताया कि सरकार का यह फैसला जल्द ही लागू हो जाएगा। अधिकारी ने बताया कि सरकार के इस फैसले के बाद ग्राहक को केवल गैस सिलेंडर की सब्सिडी कीमत चुकाने होगी। उन्होंने बताया कि नए नियम के तहत गैस सिलेंडर बुक करने पर कस्टमर को मोबाइल पर मैसेज के जरिए एक कोड भेजा जाएगा। इसके बाद सिलेंडर मिलने पर यही कोड दिखाना पड़ेगा। डिलीवरी करने वाला ग्राहक के कोड को सॉफ्टवेयर में अपडेट कर देगा। इस प्रक्रिया के बाद उपभोक्ता द्वारा अभी तक दिए जाने वाले सब्सिडी के पैसे सरकार सीधा कंपनी के खाते में डाल देगी।
इस बारे में बताया जा रहा है कि सरकार नए नियम को लागू करने की शुरूआत उज्जवला योजना में कनेक्शन पाने वाले लोगों से करेगी। इसके पीछे सरकार की तरफ से कनेक्शन लेने वालों को एक मुश्त एक हजार रुपए देने में दिक्कतों को कारण बताया गया है। बता दें कि सरकार साल भर में 14.2 किलो वाले 12 सिलेंडरों पर सीधे ग्राहकों के बैंक खाते में सब्सिडी डालती हैं। इस महीने की दूसरे हफ्ते में ही गैस सिलेंडर की कीमतों में इजाफा हुआ था। सरकार के एलपीजी डीलरों के कमीशन बढ़ाये जाने के बाद घरेलू रसोई गैस एलपीजी की कीमत में 2 रुपए प्रति सिलेंडर की कीमत की वृद्धि की गई थी।