नई दिल्ली
टैक्स चोरी रोकने के लिए आयकर विभाग ने पैन कार्ड के नियमों में बदलाव करने का फैसला लिया है। इस संबंध में नए नियम 5 दिसंबर से लागू होंगे। नए नियम के अनुसार ऐसी वित्तीय संस्थाएं जो कि वित्तीय वर्ष में 2.5 लाख रुपए या इससे अधिक का लेन-देन करती हैं, उनके लिए पैन नंबर अनिवार्य हो जाएगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने अपनी एक अधिसूचना में कहा है कि अगर कोई व्यक्ति वित्तीय वर्ष में 2.50 लाख रुपये या इससे अधिक का लेन-देन करता है तो उसे पैन नंबर के लिए 31 मई 2019 से पहले आवदेन करना होगा। आयकर नियम 1962 में किए गए नए संशोधन के मुताबिक वित्त वर्ष में 2.5 लाख या उससे ज्यादा का वित्तीय लेन-देन करने वाली संस्थाओं के लिए पैन कार्ड के लिए आवेदन करना अनिवार्य है। उन्हें यह आवेदन 31 मई 2019 तक करना ही होगा।
नए इनकम टैक्स नियम व्यक्तिगत करदाताओं के लिए नहीं बल्कि संस्थाओं के लिए जारी किए गए हैं। अगर कोई व्यक्ति प्रबंध निदेशक, निदेशक, पार्टनर, ट्रस्टी, लेखक, संस्थापक, कर्ता, मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ), मुख्य अधिकारी या पदाधिकारी है और उसके पास पैन नहीं है तो उसे अब 31 मई 2019 तक पैन नंबर के लिए आवेदन देना होगा। नांगिया एडवाइजर्स एलएलपी पार्टनर सूरज नांगिया ने कहा कि घरेलू कंपनियों के लिए भी पैन रखना जरूरी होगा, भले ही उनकी कुल बिक्री, टर्नओवर या सकल रसीदें वित्त वर्ष में 5 लाख रुपये से कम हों। इससे आयकर विभाग को टैक्स चोरी रोकने में मदद मिलेगी। एक अन्य नियम के तहत केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने पैन कार्ड बनवाने के लिए पिता का नाम देने की अनिवार्यता को खत्म करने का फैसला किया है।