दोहा
कतर के नए ऊर्जा मंत्री साद अल-काबी ने सोमवार को घोषणा की कि उनका देश अगले महीने ओपेक (ओपीईसी) से बाहर हो जाएगा। काबी ने दोहा में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘कतर ने जनवरी 2019 में ओपेक से अपनी सदस्यता वापस लेने का निर्णय लिया है।’’ उन्होंने कहा कि घोषणा से पहले सोमवार को ओपेक को निर्णय के बारे में बता दिया गया है।
दुनिया में सबसे ज्यादा एलएनजी का निर्यात करने वाले देश कतर के ऊर्जा मंत्री साद अल-काबी ने कहा कि उनका देश अब गैस उत्पादन पर विशेष ध्यान देने जा रहा है, इसलिए तेल उत्पादकों का संगठन छोड़ने का फैसला लिया गया। उन्होंने कहा, ‘कतर ने जनवरी 2019 में ओपेक की सदस्यता वापस लेने का फैसला किया और ओपेक को इसकी जानकारी दे दी गई है।’
गौरतलब है कि कतर ने यह बड़ा फैसला आगामी 6 दिसंबर को होने वाली ओपेक देशों की मीटिंग से ठीक पहले लिया है। वह ओपेक के गठन के एक वर्ष बाद ही 1961 से इसका सदस्य बन गया था। वह ओपेक का पहला ऐसा सदस्य राष्ट्र बनने वाला है जिसने इस संगठन से बाहर निकलने का फैसला किया है। बहरहाल, यह जानना जरूरी है कि सऊदी अरब, यूएई, बहरीन और मिस्त्र जैसे पड़ोसी देशों के साथ कतर का कूटनीतिक संबंध लगातार बिगड़ता जा रहा है। दरअसल, इन देशों ने आतंकवाद का समर्थन करने के आरोप में कतर पर पिछले वर्ष जून से ही व्यापारिक एवं आवाजाही जैसी गतिविधियों पर रोक लगा रखी है।
काबी ने कहा कि कतर आगे भी कच्चा तेल का उत्पादन जारी रखेगा, लेकिन वह गैस उत्पादन पर अधिक ध्यान देने वाला है क्योंकि वह विश्व में एलएनजी का सबसे बड़ा निर्यातक है। काबी ने कहा, ‘कच्चे तेल में हमारे लिए अधिक संभावनाएं नहीं हैं। हम वास्तविकता पर यकीन करते हैं। हमारी संभावनाएं गैस में हैं।’ काबी ने कहा कि ओपेक को घोषणा से पहले ही इस निर्णय के बारे में सूचित कर दिया गया है।