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जयन्ती की पूर्व संध्या पर संकल्पों के साथ याद किये गये स्वामी विवेकानन्द कवि सम्मेलन, गोष्ठी, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच सम्मानित हुईं विभूतियां

बस्ती । जितना बड़ा संघर्ष होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी’ का संदेश देकर युवाओें में जागृति पैदा करने वाले स्वामी विवेकानन्द जयन्ती के पूर्व संध्या  पर शुक्रवार को प्रेस क्लब में  कायस्थ वाहिनी अन्तर्राष्ट्रीय की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम, गोष्ठी, कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। वाहिनी की ओर से स्थापना दिवस पर समाजसेवा के क्षेत्र में कार्य करने वाले विभूतियों को सम्मानित कर उनका उत्साहवर्धन किया गया। 
स्वामी विवेकानन्द के चित्र पर माल्यार्पण, नमन के साथ कार्यक्रम का आरम्भ प्रियांशी श्रीवास्तव, साक्षी पाण्डेय, दिव्याशी श्रीवास्तव, श्रद्धा पाण्डेय द्वारा मां सरस्वती की वंदना, स्वागत गीत से हुआ। नन्हें मुन्ने कलाकारों ने कत्थक नृत्य, गीत आदि के माध्यम से अतिथियों का मन मोह लिया। 
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये सत्येन्द्रनाथ मतवाला ने कहा कि स्वामी जी ने शिकागो में शून्य पर अपने विचार व्यक्त कर समूचे विश्व को चिन्तन की नई दिशा दिया। वे भारत ही नहीं विश्व के युवाओं के प्रेरणाश्रोत है। वरिष्ठ रचनाकार डा. रामकृष्ण लाल जगमग ने यूं कहा – ‘ घिरी अनय की राका जैसी, मानव है मतिमन्द, हो अवतरित धरा पर फिर से एक विवेकानन्द’ के द्वारा स्वामी जी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। अशोक कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द ने ऐसे समय में भारत को आध्यात्मिक, नैतिक ऊर्जा दिया जब देश गुलामी की बेडियों में जकड़ा हुआ था। उन्होने युवाओं में नयी चेतना विकसित किया। 
वाहिनी के मण्डल अध्यक्ष अजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द ने स्पष्ट रूप से संदेश दिया कि ‘जब तक आप खुद पे विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पे विश्वास नहीं कर सकते’। वे प्राणि मात्र में ईश्वर के दर्शन करते थे और पीड़ित मानवता की रक्षा के लिये हर स्तर पर लोगों को जगाया। 
कार्यक्रम के दूसरे चरण में अविनाश श्रीवास्तव के संचालन में कवि सम्मेलन आयोजित हुआ जिसमें अजय श्रीवास्तव ‘अश्क’ लालमणि प्रसाद, हरीश दरवेश, साद अहमद ‘साद’ डा. अजीत श्रीवास्तव, रामदत्त जोशी, पं. चन्द्रबली मिश्र, श्याम प्रकाश शर्मा, आतिश सुलतानपुरी, पंकज कुमार सोनी, भद्रसेन सिंह ‘बंधु’ सत्यदेव त्रिपाठी आदि ने स्वामी विवेकानन्द पर केन्द्रित रचनायें पढकर उन्हें नमन् किया। 
इसी क्रम में कायस्थ वाहिनी अन्तर्राष्ट्रीय की ओर से सामाजिक कार्यो में योगदान के लिये बी.के. श्रीवास्तव, विपुल आनन्द, अंशुमान श्रीवास्तव, रमेश गुप्ता, अनिल कुमार पाण्डेय, दीपक प्रसाद और लालमणि प्रसाद, घनश्याम श्रीवास्तव, आशुतोष नारायण मिश्र, हरीश दरवेश, गिरजेश कुमार, राधेश्याम शुक्ल को प्र्रेम चन्द्र साहित्य एवं जन कल्याण संस्था की ओर से सम्मानित किया गया। वाहिनी      पदाधिकारियों ने नन्हें मुन्ने कलाकारों को पुरस्कृत कर उनका उत्साह बढाया। 
कार्यक्रम में डब्बू श्रीवास्तव, मुकेश श्रीवास्तव, दुर्गेन्द्र श्रीवास्तव, अंशुमान श्रीवास्तव, प्रशान्त श्रीवास्तव, आनन्द श्रीवास्तव, अमित श्रीवास्तव, सिद्धार्थ श्रीवास्तव, ओम प्रकाश श्रीवास्तव, नवनीत पाण्डेय के साथ ही अनेक लोग उपस्थित रहे। 

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