नई दिल्ली
नए बदलावों के बाद OYO के माध्यम से होटल में कमरा बुक करने वालों का रियल टाइम डेटा सरकार के पास जाएगा। यह डेटा डिजिटल अराइवल एंड डिपार्चर रजिस्टर के माध्यम से जाएगा। द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक जब कोई OYO के होटल में चेक इन करेगा तो उसकी जानकारी सरकार के पास चली जाएगी। वहीं जब कोई चेक आउट करेगा तब भी इसकी जानकारी सरकार के पास जाएगी। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह गोपनीयता की प्रमुख चिंता थी और इसका कार्यान्वयन संदिग्ध हो सकता है, क्योंकि भारत में गोपनीयता कानून पर कोई वैधानिक ढांचा नहीं है। OYO के भारत और दक्षिण एशिया के सीईओ आदित्य घोष ने सबसे पहले कोलकाता में एक कार्यक्रम में इस कदम के बारे में जानकारी दी। OYO की तरफ से कहा गया है कि डिजिटल रजिस्टर के साथ हमारा टारगेट मजबूत डेटा सुरक्षा बनाना है।
सबसे पहले इसे पश्चिमी बंगाल में लागू किया जाएगा। सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि अब OYO के रूम में ठहरने से पहले 2 बार सोचना होगा। OYO के प्रवक्ता ने कहा कि टेक्नोलॉजी हमारे डीएनए में है। हम अपने गेस्ट और होटलर्स को शानदार और परेशानी मुक्त अनुभव प्रदान कराने की दिशा में काम कर रहे हैं। डिजिटल प्रस्थान और आगमन रजिस्टर के साथ, हमारा टारगेट होटलों की पारदर्शिता, डिजिटलीकरण और परिचालन की बेहतर क्षमता सुनिश्चित करके, पूरी बुकिंग प्रक्रिया में एक मजबूत डेटा सुरक्षा जोड़ना है।
हमें इस समाधान की पेशकश करने में गर्व महसूस हो रहा है, जो किसी भी जांच के लिए अनुरोध किए जाने पर ऑथरिटीज को अतिथियों का डेटा दे सकता है। हम यह सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं कि हम ग्राहकों के लिए एक नए युग के होटल ब्रांड का निर्माण जारी रखें ।सरकारी एजेंसियां आमतौर पर जरूरी आदेश प्राप्त करने के बाद होटलों से डेटा मांगती हैं। OYO के मामले में, सरकारी सर्वरों में इस तरह के डेटा पर सवाल उठाए जा रहे हैं, खासकर पर्याप्त कानूनों के अभाव में। Oyo भारत का सबसे बड़ा होटल ऑपरेटर है, जिसमें 125,000 से अधिक कमरे हैं। यह देश का तीसरा सबसे मूल्यवान स्टार्टअप है, और चीन में इसकी बड़ी उपस्थिति है।