चेंगदू
चीन ने कहा कि उसने शुक्रवार को दक्षिण-पश्चिमी शहर चेंगदू में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के लाइसेंस को रद्द कर दिया। इस सप्ताह के शुरू में चीन के ह्यूस्टन वाणिज्य दूतावास को अमेरिका द्वारा बंद किए जाने के बाद इसे चीन की जवाबी कार्रवाई माना जा रहा है। चीन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, यह कदम “संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा अनुचित कदमों के बदले वैध और आवश्यक प्रतिक्रिया” है। बयान में कहा गया, “चीन-अमेरिका संबंधों में मौजूदा स्थिति वह नहीं है जो चीन देखना चाहता है और अमेरिका इस सब के लिए जिम्मेदार है।” बता दें कि विश्व की दो विशाल अर्थव्यवस्थाओं के बीच पिछले कुछ समय से कई पहलुओं पर विवाद चल रहा है। इसी का नतीजा है कि चीन के ह्यूस्टन वाणिज्य दूतावास को अमेरिका द्वारा बंद किए जाने 72 घंटे बाद ही के बाद चीन ने अपने यहां अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के लाइसेंस को रद्द कर दिया। इससे पहले चीन ने धमकी दी थी कि अगर अमेरिका ने अपना फैसला वापस नहीं लिया तो वह जवाबी कार्रवाई करेगा। चेंग्दू वाणिज्य दूतावास 1985 में स्थापित किया गया था, और इसकी वेबसाइट के अनुसार लगभग 150 कर्मचारियों के साथ लगभग 150 स्थानीय रूप से चीनी कर्मचारियों को रखा गया है।
दुनियाभर से दुश्मनी लिए बैठे चीन ने भारत को भी कम दुखी नहीं किया। सीमा से लगी भारतीय जमीन पर कब्जा और फिर दोनों सेनाओं के बीच झड़प की खबरें आईं। इसके बाद हाल ही में चीन पर डिजिटल स्ट्राइक करते हुए भारत में टिकटॉक समेत 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाया। इसकी चर्चा अमेरिका में भी हो रही है और कुछ सांसद इसका समर्थन कर रहे हैं। इन सासंदों ने अमेरिकी सरकार से इस पर विचार करने की अपील की है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि छोटे छोटे वीडियो शेयर करने वाले ऐप किसी भी देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं।