भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। इसमें उन्होंने कहा है कि कांग्रेस के विधायकों को प्रलोभन देकर भाजपा में शामिल कराया जा रहा है। ये अनैतिक कृत्य है। उन्होंने लिखा है कि मप्र की सरकार गिराना प्रजातांत्रिक इतिहास के सबसे घृणित कृत्यों में से एक है। साथ ही कहा कि देश की प्रजातांत्रिक व्यवस्था में एक भूचाल आया हुआ है और ऐसी शंका इसका केंद्र बिंदु केंद्र में निहित है।
इसके एक दिन पहले ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि राजस्थान में चुनी सरकार को गिराने की कोशिश हो रही; इसमें केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह, भाजपा और हमारे दल के कुछ नेता शामिल हैं। इस पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि उन्हें (कमलनाथ) अपनी पार्टी के मौजूदा हालातों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नहीं, बल्कि अपने शीर्ष नेतृत्व को चिट्टी लिखनी चाहिए थी।
कमलनाथ ने लिखा, “जब पूरा विश्व और देश कोरोना महामारी से लड़ रहा है। भारत ने दशकों की मेहनत से इतनी प्रगति हासिल कर ली है कि इस महामारी का बेहतर तरीके से मुकाबला कर सकता है। लेकिन मैं आपका ध्यान भारत की अप्रजातांत्रिक महामारी की तरफ दिलाना चाहता हूं।”
पूर्व सीएम ने लिखा, “देश की प्रजातांत्रिक व्यवस्था में एक भूचाल आया हुआ है और ऐसी शंका इसका केंद्र बिंदु केंद्र में निहित है। परंतु मेरी शंकाएं निराधार साबित होंगी और आप भारत के लोकतंत्र की गिरती साख को बचाने के लिए आगे आएंगे।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा कि, “अभी भी मप्र में भाजपा द्वारा प्रतिपक्ष के विधायकों को प्रलोभन देकर इस्तीफे कराए जा रहे हैं और ऐसे अनैतिक कृत्य कर उपचुनावों का बोझ राज्य की जनता पर डाला जा रहा है। मप्र की सरकार गिराना प्रजातांत्रिक इतिहास के सबसे घृणित कृत्यों में से एक है। पहले भाजपा के नेताओं ने तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री समेत कई मंत्रियों और विधायकों को लेकर बंगलुरू चले गए, जिससे मप्र की सरकार गिराई जा सके और लोगों को कोरोना महामारी की आग में झोंक दिया। जन चर्चा भी ये है कि कांग्रेस की सरकार गिराने तक देश में लॉकडाउन 24 मार्च के पहले नहीं किया गया।”