लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज अपने सरकारी आवास पर 9 लाख 8 हजार 855 श्रमिकों, कामगारों को आर्थिक सहायता के दूसरे चरण में 90 करोड़ 88 लाख रुपये आॅनलाइन हस्तांतरित किये। इस अवसर पर उन्होंने आपदा पूर्व चेतावनी तथा राहत प्रबन्धन हेतु वेब बेस्ड एप्लीकेशन्स-‘इन्टीगे्रटेड अर्ली वार्निंग सिस्टम’ तथा ‘आॅनलाइन बाढ़ कार्य योजना माॅड्यूल’ एवं ‘आपदा प्रहरी’ एप का लोकार्पण भी किया। उल्लेखनीय है कि प्रथम चरण में 13 जून 2020 को प्रदेश वापस आए 10 लाख 48 हजार 166 श्रमिकों को 01-01 हजार रुपये की धनराशि हस्तांतरित की गयी थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में देश व पूरा विश्व सबसे बड़ी त्रासदी कोविड-19 से जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कुशल मार्गदर्शन में पूरा देश कोविड-19 से लड़ रहा है। इस आपदा से गरीब और अन्य सामान्य जन को किसी प्रकार की कोई समस्या न हो इसके लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज की घोषणा प्रधानमंत्री जी ने की। इस पैकेज के अन्तर्गत गरीबों को नवम्बर, 2020 तक निःशुल्क खाद्यान्न देने की व्यवस्था की गयी है। इसके अलावा, राज्य सरकार ने भी तीन महीने तक प्रत्येक लाभार्थी को निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराने का कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार ने सुनिश्चित किया है कि शासन की योजनाओं का लाभ समाज के अन्तिम पायदान पर बैठे व्यक्ति को अवश्य मिले। आज एक साथ 9 लाख 8 हजार 855 प्रवासी श्रमिकों,कामगारों के खाते में 1,000 रुपये की धनराशि अन्तरित की गयी है। उन्होंने राजस्व विभाग की सराहना करते हुए कहा कि राजस्व विभाग ने स्किल मैपिंग के माध्यम से प्रत्येक कामगार एवं श्रमिक को उसकी योग्यता के अनुरूप कार्य उपलब्ध कराने का डाटा तैयार किया है। आज उसी का परिणाम है कि ज्यादातर लोग किसी न किसी उद्योग या गांव में या फिर स्वरोजगार के माध्यम से प्रदेश के विकास में योगदान दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बड़ी संख्या में स्किल्ड लोगों को उद्योगों में समायोजित किया गया है। वर्तमान में 50 लाख से अधिक लोग उद्योगों में काम कर रहे हैं। वृक्षारोपण कार्यक्रम, तालाब व नदियों के पुनर्जीवन सहित अन्य विकास व निर्माण कार्यों से श्रमिकों को जोड़ा गया है, जिससे उत्तर प्रदेश का नवनिर्माण हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के माध्यम से प्रत्येक लाभार्थी को 2,000 रुपये की धनराशि उपलब्ध करायी गयी है। इसके अलावा, उज्ज्वला योजना के प्रत्येक लाभार्थी को निःशुल्क गैस सिलेण्डर देने की व्यवस्था सितम्बर, 2020 तक कर दी गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरा देश प्रधानमंत्री जी का आभारी है, जिन्होंने तकनीक का प्रयोग कर भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाने का कार्य किया। आज लाभार्थी के खाते में जो धनराशि अन्तरित की जाती है, वह शत-प्रतिशत उसी के खाते में पहुंचती है। कोरोना काल खण्ड में कम्युनिटी किचन को सी0सी0टी0वी0 से जोड़ा गया है, जिससे पूरी पारदर्शिता के साथ 6 करोड़ से अधिक लोगों को फूड पैकेट उपलब्ध कराये गये हैं। प्रदेश वापस आए कामगारोें और श्रमिकों को 15 दिन का राशन उपलब्ध कराया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता है। श्रमिकों,कामगारों ने अपने कार्यों से इसे साबित किया है। अब गांव व शहर विकास की प्रक्रिया से जुड़कर तरक्की की नई इबारत लिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी श्रमिकों और कामगारों के वापस आने पर उन्हें राशन किट व उनके खाते में 1,000 रुपये की धनराशि उपलब्ध करायी गयी। अब तक 52 लाख से अधिक लोगों को 1,000 रुपये की धनराशि उपलब्ध करायी जा चुकी है। साथ ही, 19 लाख लोग ऐसे हैं, जिन्हें दूसरी बार यह राशि उपलब्ध करायी गयी है। मुख्यमंत्री ने आपदा पूर्व चेतावनी तथा राहत प्रबन्धन हेतु तैयार वेब बेस्ड एप्लीकेशन्स का लोकार्पण करते हुए कहा कि तकनीक के माध्यम से आपदा से होने वाली जनहानि को रोका जा सकता है। ‘इन्टीगे्रटेड अर्ली वार्निंग सिस्टम’, ‘आपदा प्रहरी’ एप, ‘आॅनलाइन बाढ़ कार्य योजना माॅड्यूल’ तथा आपदाओं से बचाव हेतु जागरूकता अभियान कार्यक्रम के सम्बन्ध में राजस्व विभाग की उपलब्धि के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जनपद बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, हरदोई, उन्नाव तथा फिरोजाबाद के लाभार्थियों से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया। लाभार्थियों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि उन्हें 15 दिन का राशन किट तथा 1,000 रुपये की धनराशि प्राप्त हुई है और राज्य सरकार की योजनाओं में कार्य भी मिला है। इस अवसर पर मुख्य सचिव आर0के0 तिवारी, एस0डी0एम0ए0 के उपाध्यक्ष ले0 जनरल आर0पी0 साही, अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री संजय प्रसाद, राहत आयुक्त संजय गोयल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। ज्ञातव्य है कि ‘इंटीग्रेटेड अर्ली वार्निंग सिस्टम’ मौसम विभाग द्वारा सैटेलाइट की मदद से जारी की जाने वाली खराब मौसम एवं वज्रपात की पूर्व चेतावनियों को, आटोमैटिक एस0एम0एस0 अलर्ट एवं वाॅइस मैसेज के माध्यम से लगभग 54 हजार ग्राम प्रधान, 24 हजार लेखपाल, 01 लाख 59 हजार आंगनवाड़ी वर्कर, 01 लाख 51 हजार आशा, 35 हजार पुलिसकर्मियों को प्रेषित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, कृषि विभाग द्वारा संचालित लगभग 1,100 व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से 25 लाख से अधिक किसानों को भी मौसम की पूर्व चेतावनी प्रसारित की जाएगी। इस अर्ली वार्निंग सिस्टम से किसानों तथा आमजन को आने वाले खराब मौसम से बचाव करने में सहायता मिलेगी।यह प्रणाली प्रदेश में जन हानि एवं अन्य नुकसानों को कम करने में मददगार सिद्ध होगी। ‘आपदा प्रहरी’ एप के माध्यम से पहली बार राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा आम जनमानस तथा किसानों से सीधे जुड़ने एवं संवाद स्थापित करने का प्रयास किया गया है। सिटीजन लॉग-इन के द्वारा किसान तथा आम नागरिक किसी भी आपदा के घटित होने की प्राथमिक सूचना तथा फोटोग्राफ्स ‘आपदा प्रहरी’ एप पर दर्ज कर सरकार तक पहुंचा सकेंगे। ‘ऑनलाइन बाढ़ कार्य योजना माॅड्यूल’ में आवश्यक संसाधनों जैसे स्थापित बाढ़ चैकियाँ, बाढ़ शरणालय, आपदा नियंत्रण कक्ष, आदि का विवरण एकत्रित किया जा रहा है। इससे एक क्लिक पर जनपद में बाढ़ से सम्बंधित समस्त जानकारी प्राप्त की जा सकेगी। इस प्रणाली में राहत आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट पर सिटीजन कार्नर के अंतर्गत एक नागरिक डैशबोर्ड भी उपलब्ध कराया गया है। इसके माध्यम से आम जनमानस अपने निकटतम उपलब्ध आपदा राहत सम्बन्धी समस्त संसाधनों यथा बाढ़ शरणालय, राहत केन्द्र आदि की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।