अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर 500 साल पुराना सपना पूरा होने जा रहा है। आगामी पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भूमि पूजन किए जाने के साथ ही अयोध्या की धरती पर इतिहास लिखा जाएगा, जिसे आने वाली पीढ़ियां भी याद रखेंगी। भूमिपूजन के समय मथुरा की केसरिया पताकाएं राम जन्मभूमि पर लहराएंगी। सूरत से कपड़ा मंगाकर मथुरा में कई स्थानों पर हजारों पताकाएं तैयार की गई हैं। थोक विक्रेता पताकाओं को अयोध्या, चित्रकूट, बनारस, हरिद्वार, उज्जैन आदि शहरों में भेज रहे हैं।
पताकाओं की बिक्री में कई गुना वृद्धि हुई है। अयोध्या में तीन अगस्त से ही उत्सव शुरू हो जाएगा। यहां दीवाली जैसा माहौल बनाया जाएगा, इस दौरान प्रशासन की ओर से शहर में लाखों दिए जलाए जाएंगे। वहीं आम लोग भी अपने घरों के बाहर दिए जलाएंगे। भूमि पूजन के कार्यक्रम को लेकर देशभर में उल्लास का वातावरण है। अयोध्या नगरी को दीपकों से दुल्हन की तरह सजाने की तैयारियां चल रही हैं। भूमि पूजन के बाद से ही यहां राम मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से शुरू हो जाएगा। इसकी तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी रविवार को अयोध्या पहुंचेंगे। आगे तस्वीरों में देखिए अयोध्या में कैसी चल रही है भूमि पूजन की तैयारी भूमि पूजन से पहले अयोध्या के कायाकल्प की तैयारी तेज हो गई है।
अयोध्या बाईपास पर राम की गाथा का चित्रण किया जाएगा, ताकि बाईपास से गुजरते ही राम जन्मभूमि का एहसास हो जाए। सौंदर्यीकरण के लिए भगवान श्रीराम के जीवन वृत्तांत का दीवारों पर चित्रण, लैंडस्कैपिंग, हरे-भरे पौधे और वृक्ष, साथ ही साथ फव्वारे और रंग बिरंगी रोशनी की जा रही है। अगले साल मार्च-अप्रैल तक अयोध्या बाईपास का काम पूरा हो जाने की उम्मीद है।
जब रामलला का ताला खुला था तो आठ दिन तक न सिर्फ अयोध्या में बल्कि देश-विदेश में भी दीप जलाकर उत्सव मनाया गया था। अब वही इतिहास अयोध्यावासी एक बार फिर दोहराना चाहते हैं। इस बार श्रीरामजन्मभूमि मंदिर के भूमि पूजन के शुभ अवसर पर प्रशासन की ओर से घोषित चार व पांच अगस्त को दीपोत्सव के बाद भी यहां के लोग एक सप्ताह तक घर-घर दीप जलाने का संकल्प ले रहे हैं।