नई दिल्ली। चीन के साथ भारत का तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। चीन नए नए सिरे से भारत के खिलाफ सैनिक मोर्चेबंदी में लगा हुआ है। चीन पूर्वी लद्दाख में भारत के साथ तनाव कम नहीं कर रहा है। एक तरफ पैंगोंग सो और देपसांग में चीनी सैनिकों के पीछे हटने के कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं तो दूसरी तरफ चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अरुणाचल प्रदेश तक लगातार अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा रहा है।
ऐसे में दोनों देशों के बीच होने वाली सैन्य कमांडर स्तर की बातचीत को अगले सप्ताह तक टाल दिया गया है। चीन की हरकतों के मद्देनजर भारत ने 14 कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और चीनी मेजर जनरल लुई लिन के बीच 5वें दौर की बातचीत के लिए बिलकुल भी जोर नहीं दिया। दोनों देशों के बीच 5वें दौर की यह बातचीत 30 जुलाई के लिए प्रस्तावित थी लेकिन चीन के इरादों को भांपते हुए फिलहाल बातचीत को टाल दिया गया है।
अधिकारियों के मुताबिक, पैंगोंग सो और देपसांग में चीनी सैनिकों के पीछे न हटने की दो वजहें हो सकती हैं। पहला, दोनों देशों के बीच 14 जुलाई को सैन्य कमांडर स्तर की चौथे दौर की बातचीत में डिसइंगेजमेंट के जिस प्रपोजल पर सहमति बनी थी, उसे लागू करना चाहिए या नहीं, इसे लेकर चीन अभी भी दुविधा की स्थिति में है। दूसरा, चीन इस विवाद को खींचकर सर्दियों तक ले जाना चाहता है।