श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट ने भगवान राम के मंदिर की आधिकारिक तस्वीर आज जारी कर दी। भगवान राम का मंदिर ऐसा होगा कि जिसे पूरी दुनिया निहारेगी। जी हां राममंदिर भूमि पूजन कल देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमि पूजन करेंगे। इससे पहले प्रस्तावित मंदिर की तस्वीर जारी कर दी गयी है। रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र की ओर से जारी की गई तस्वीरों में भव्य राम मंदिर की झलक देखी जा सकती है।
यह वीएचपी के पुराने मॉडल से काफी अलग है। 5 अगस्त को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर निर्माण की पहली ईंट रखेंगे तब उसके साथ ही रामजन्मभूमि के सैकड़ों साल के अंधेरे इतिहास का पटाक्षेप हो जाएगा। अयोध्या में मंदिर के भूमि पूजन के लिए तैयारियां लगभग समाप्त हो चुकी हैं। राम के शहर में मेहमानों का पहुंचना भी शुरू हो गया है। इस बीच मंदिर निर्माण के लिए बने ट्रस्ट ने भव्य मंदिर के प्रस्तावित मॉडल की तस्वीरें भी जारी कर दी हैं।
मंदिर की भव्यता बढ़ाने के लिए इसका जमीनी क्षेत्रफल भी बढ़ाया गया है। मंदिर में पत्थर वही लगेंगे जो राम मंदिर कार्यशाला में तराश कर रखे गए हैं। इन पत्थरों की साफ सफाई कर चमकानें का काम दिल्ली की कंपनी कर रही है। मिट्टी परीक्षण की रिपोर्ट के आधार पर मंदिर के लिए नींव की खुदाई होगी। यह 20 से 25 फीट गहरी हो सकती है। प्लैटफॉर्म कितना ऊंचा होगा इस पर निर्णय राम मंदिर ट्रस्ट करेगा। अभी 12 फीट से 14 फीट तक की ऊंचाई की बात चल रही है।
राम मंदिर के नए मॉडल के मुताबिक, पूरे मंदिर में कुल 318 स्तंभ होंगे। मंदिर के प्रत्येक तल पर 106 स्तंभ बनाए जाएंगे। मंदिर के शिल्पकार चंद्रकांत सोमपुरा की माने तो मंदिर बनने में कम से कम 100 करोड़ रुपये की लागत आएगी। उन्होंने यह भी कहा है कि यह खर्च बढ़ सकता है। निर्माण की अवधि की सीमा तय की जाएगी तो ज्यादा संसाधन चाहिए होंगे। इससे बजट भी बढ़ेगा। राम मंदिर का डिजाइन नागर स्टाइल का है। इसे शिल्प शास्त्र को दिमाग में रखकर बनाया गया है। बताया गया कि प्रत्येक गणना बहुत विशेष है। उदाहरण के तौर पर, कोई भी आयाम गर्भगृह से बड़ा नहीं हो सकता है। इसके अलावा गर्भगृह का मुख किस तरह होना चाहिए? जैसी बातों का भी खास ध्यान रखा गया है।
5 अगस्त को नींव की पहली ईंट रखे जाने के बाद मंदिर निर्माण का काम शुरू हो जाएगा। बताया जा रहा है कि साढ़े तीन साल के अंदर मंदिर का काम पूरा होगा। अब लोगों को इंतजार है कि यह समय जल्द से जल्द पूरा हो और एक बार फिर से जन्मभूमि मंदिर में निर्बाध रूप से भगवान राम का दर्शन शुरू हो सके। मंदिर का यह डिजाइन वास्तुकार निखिल सोमपुरा ने तैयार किया है। रामलला के मंदिर के लिए इससे पहले वीएचपी का पुराना मॉडल हमारे सामने था। इसे निखिल के पिता चंद्रकांत सोमपुरा ने तैयार किया था। अब पुराने डिजाइन में कुछ बदलाव किया गया है। मंदिर के नए मॉडल में ऊंचाई, आकार, क्षेत्रफल और बुनियादी संरचना में भी काफी परिवर्तन है।
आर्किटेक्ट प्रॉजेक्ट के अनुसार मंदिर को बनकर तैयार होने में तीन से साढ़े तीन साल का समय लगेगा। मंदिर तीन मंजिला होगा और यह वास्तुशास्त्र के हिसाब से बनाया जाएगा। मंदिर के शिखर की ऊंचाई बढ़ाकर 161 फुट की गई है। इसके साथ ही गुंबदों की संख्या तीन से बढ़ाकर पांच की गई है। मंदिर के जमीन का आकार भी बढ़ा दिया गया है। राम मंदिर की ऊंचाई में 33 फीट की वृद्धि की जा रही है। इसी वजह से एक और मंजिल बढ़ाना पड़ा है। मंदिर के पुराने मॉडल के हिसाब से मंदिर की लंबाई 268 फीट 5 इंच थी। इसे बढ़ाकर 280-300 फीट किया जा सकता है।
जहां रामलला का गर्भगृह बनेगा, उसके ऊपर के हिस्से को ही शिखर बनाए जाएगा। मंदिर में पांच गुंबद होंगे। पहले के मंदिर मॉडल में सिर्फ दो ही गुंबद थे लेकिन नए मॉडल में मंदिर की भव्यता को बढ़ाने के लिए इसे 5 कर दिया गया है। राम मंदिर के पांचों गुंबदों के नीचे के हिस्से में चार हिस्से होंगे। इसमें सिंहद्वार, नृत्य मंडप, रंगमंडप बनेगें। यहां श्रद्धालुओं के बैठने विचरण करने और विविध कार्यक्रम आयोजित करने के लिए जगह रहेगी।