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जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे निजी समूह अडानी एंटरप्राइजेज को सौंपा

 राजधानी के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निजीकरण को बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय कैबिनेट की हुई बैठक में मंजूरी दी गई। अब जयपुर हवाई अड्डे का संचालन निजी समूह अडानी एंटरप्राइजेज को सौंप दिया गया। इसके तहत अडानी समूह 50 साल तक एयरपोर्ट का संचालन संभालेगा।जयपुर के अलावा गुवाहाटी और त्रिवेंद्रम हवाई अड्डे को भी निजीकरण की मंजूरी दी गई। अब केवल सिक्योरिटी और एटीसी ही सरकार के हाथ बचा है।

गौरतलब है कि अडानी समूह ने पिछले साल फरवरी में हुई निविदा में सभी 6 एयरपोर्ट के लिए सबसे ज्यादा बोली लगाई थी। और अडानी समूह के नाम लेटर ऑफ अवार्ड जारी हो गया था और अब केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी के बाद जल्द ही एयरपोर्ट संचालन का कार्य निजी कंपनी को सौंप दिया जाएगा। जयपुर एयरपोर्ट के लिए अडानी समूह एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को घरेलू यात्री के लिए 174 रुपए प्रति यात्री और अंतरराष्ट्रीय यात्री के लिए 348 रुपए प्रति यात्री का भुगतान करेगा।

पिछले साल राज्य सरकार ने केंद्र को पत्र लिखकर निजीकरण पर आपत्ति जताई गई थी। पत्र के अनुसार जब राज्य सरकार ने एयरपोर्ट के लिए भूमि का आवंटन निशुल्क किया था, तो निजीकरण से पहले राज्य सरकार की मंजूरी क्यों नहीं ली गई। केंद्र सरकार ने जयपुर हवाई अड्डे के निजीकरण में राज्य सरकार की आपत्तियों को भी दरकिनार कर एयरपोर्ट संचालन के निजीकरण को मंजूरी दे दी।

एयरपोर्ट बिल्डिंग और रनवे क्षेत्र में सुरक्षा का कार्य सीआईएसएफ संभालती रहेगी। वहीं एयर ट्रैफिक कंट्रोल का कार्य एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा किया जाएगा।

इसके अलावा एयरपोर्ट बिल्डिंग का संचालन, यात्रियों के लिए एयरपोर्ट पर पार्किंग, बिल्डिंग के अंदर सभी दुकानों का संचालन, एयरलाइंस के साथ समन्वय, एप्रन क्षेत्र में ग्राउंड हैंडलिंग से संबंधित सभी कार्य निजी कंपनी करेगी। साथ ही एयरपोर्ट पर चिकित्सा, अग्निशमन व्यवस्था भी निजी कंपनी ही संभालेगी। 

कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है कि वह अपनी मर्जी से निजी कंपनी के साथ जुड़ सकते हैं या एयरपोर्ट अथॉरिटी के किसी दूसरे एयरपोर्ट पर तबादला करवा सकते हैं। लेकिन एयरपोर्ट अथॉरिटी के एयरपोर्ट निदेशक सहित करीब 125 कर्मचारी एयरपोर्ट पर नहीं रह सकेंगे।

एयरपोर्ट पर यात्रियों की कटेगी जेब 

एयरपोर्ट के निजीकरण से हर चीज के लिए अलग से शुल्क देना होगा। कंपनी दुकानों का किराया बढ़ाएगी तो सामान के दाम भी बढ जाएंगे। यहां तक कि चाय -कॉफी पीने के लिए 200 रुपए तक शुल्क लिया जा सकता है। कुछ भी खरीदेंगे तो बाजार दर से 3-4 गुना महंगा मिलेगा। एयरलाइंस के काउंटर महंगे होंगे तो किराए की दरें भी बढ़ सकती हैं। एयरपोर्ट आने वाले प्रत्येक वाहन से 50 रुपए तक एंट्री शुल्क लिया जा सकता है।

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