लखनऊ। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) उत्तर प्रदेश राज्य सचिव मण्डल ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए एक बयान में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का विरोध किया है। बयान में कहा गया है कि केन्द्र सरकार ने विद्युत अधिनियम संशोधन 2020 के द्वारा विद्युत क्षेत्र के संपूर्ण निजीकरण के
माध्यम से जनता को लूटकर निजी कंपनियों को मुनाफा दिलाना चाहती है। उ0प्र0 सरकार पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम का निजीकरण करने पर आमादा है। उत्तर
प्रदेश में आगरा और नोएडा में निजी विद्युत कंपनियां वितरण का काम कर रही हैं जिनसे वहां के उपभोक्ता त्रस्त हैं और कंपनियां मुनाफा कमा रही हैं।
निजी कंपनियों से महंगी बिजली खरीदकर कर सरकार उपभोक्ताओं पर बिजली दरों की वृद्धि का बोझ लाद रही है। निजीकरण के पश्चात बढ़ी दरों पर आम उपभोक्ताओं के
लिए बिजली पाना मुश्किल हो जायेगा। माकपा राज्य सचिव मंडल ने उ0प्र0 विधानसभा में भाजपा सरकार द्वारा पास कराये गये श्रमिक विरोधी विधेयकों का कड़ा विरोध करते हुए भाजपा की योगी सरकार को श्रमिक विरोधी कहा है और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं जो कोरोना के समय में भी बिना किसी सुरक्षा उपकरण के खतरा झेलते हुए दिन-रात सेवा में लगी हैं, की उ0प्र0 सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर छंटनी किये जाने का विरोध किया है और इसे तत्काल रोकने की मांग की है। सरकार से अपील की है कि इस सम्बन्ध में आंगनवाड़ी कर्मियों की यूनियनों द्वारा रखी गयी मांगों को स्वीकार करे।