नई दिल्ली
कांग्रेस पार्टी समेत जम्मू-कश्मीर के छह प्रमुख राजनीतिक दलों के अलगाववादी सुर की विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने कड़ी आलोचना की है। उसने इन दलों द्वारा अनुच्छेद 370 को बहाल करने की मांग को लेकर जारी संयुक्त घोषणा पत्र को देश विरोध की पराकाष्ठा बताया है। विहिप के केंद्रीय कार्याध्यक्ष एडवोकेट आलोक कुमार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए कहा कि राज्य की पूर्व स्थिति बहाल करने की मांग ना सिर्फ देश की जनभावनाओं के विरुद्ध है बल्कि संविधान, न्याय व्यवस्था तथा संसद की अवमानना की पराकाष्ठा है। वहीं, इसपर अपनी सहमति व समर्थन जताते हुए कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम की तालियों ने कांग्रेस पार्टी के देश विरोधी चरित्र को भी एक बार फिर से सार्वजनिक कर दिया है। उन्होंने राज्य के एक पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा यह कहा जाना कि ‘इससे तो अच्छा होता कि मैं आतंकवादी बन जाता…।’ को बेहद शर्मनाक और घाटी के लोग को आतंक की राह पर पुन: धकेलने के लिए उकसाने वाला बयान बताते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर समेत पूरे देश की जनता ऐसे लोग को कभी माफ नहीं करेगी। विहिप कार्याध्यक्ष ने कहा कि संपूर्ण जम्मू-कश्मीर (पाकिस्तान व चीन द्वारा अनाधिकृत रूप से कब्जाए गए संपूर्ण क्षेत्र के साथ) भारत का अभिन्न अंग है और संसद उसके विषय में हर प्रकार का निर्णय लेने को स्वतंत्र है। अनुच्छेद 370 के हटाने के बाद भारत के मुकुट जम्मू-कश्मीर व लद्दाख में स्थितियां जैसे-जैसे सामान्य हो रही हैं। आम जन-जीवन पटरी पर आ रहा है। क्षेत्र का विकास गति पकड़ने लगा है। लगता है इन अलगाववादी विपक्षी दलों को रास नहीं आ आ रहा है। उन्होंने कहा कि दशकों से अलगाववाद व आतंकवाद के दंश को झेलते हुए देशवासी तंग आ चुके थे। 5 अगस्त 2019 के बाद से राष्ट्र-विरोधी तत्वों पर लगे अंकुश से देश कुछ राहत अनुभव कर रहा था कि अचानक एक बार पुन: इस अलगाववादी सोच ने देशवासियों को स्तब्ध व आक्रोशित कर दिया है। हालांकि ये सभी दल, अपनी ऐसी ही करतूतों के कारण देश में पहले से ही अप्रासंगिक हो चुके हैं। तो भी असंख्य लोग के बलिदान व संपूर्ण देश के 70 वर्षों के संघर्ष के बाद अनुच्छेद 370 से मिली इस अभूतपूर्व स्वतंत्रता के विरोधी इन अलगाववादी नेताओं को देश की राष्ट्रभक्त जनता समय पर समुचित जबाव भी देगी।