नई दिल्ली
कोरोना महामारी के दौर में बिस्किट की मांग में काफी इजाफा हुआ है। चालू वित्त वर्ष में बिस्किट कारोबार बढ़कर 1800 करोड़ रुपए का हो गया है। बिस्किट कारोबार में पतंजलि ने इस वित्त वर्ष में Horlicks को पीछे छोड़ दिया है। बीते वर्ष 2017-18 में पतंजलि का कारोबार 284 करोड़ रुपए था, जोकि वित्त वर्ष 2019-20 में बढ़कर 442 करोड़ रुपए हो गया है। ब्रिटानिया का मिल्क बिकीज अभी भी मार्केट लीडर है, हालांकि उसकी बाजार हिस्सेदारी मामूली घटकर 48.9 प्रतिशत रह गई। बता दें कि वित्त वर्ष 2017-18 में Horlicks बिस्किट की बाजार हिस्सेदारी 14.3 फीसदी थी और मिल्क बिस्किट में यह दूसरा सबसे बड़ा ब्रांड था। लेकिन इस वर्ष कंपनी की बिक्री 207 करोड़ रुपए थी और बाजार हिस्सेदारी घटकर 11.5 फीसदी आ गई। वहीं, बात करें पतंजलि की तो 13.6 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ दूसरा सबसे बड़ा मिल्क बिस्किट ब्रांड बन गया है।
फोर्ब्स इंडिया कि रिपोर्ट की मानें तो वित्त वर्ष 2017-18 में मिल्क बिस्किट का बाजार 1450 करोड़ रुपए का था। वहीं, पतंजलि की बाजार हिस्सेदारी 6.7 प्रतिशत थी और उसने 97 करोड़ रुपए के बिस्किट बेचे थे। लेकिन ब्रिटानिया का मिल्क बिस्किट 50 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ टाप पर था। इस साल ब्रिटानिया की हिस्सेदारी घटकर 48.9 हो गई है लेकिन फिर भी वह पहले स्थान पर काबिज है।
भारत में 1930 में लॉन्च होने के बाद से Horlicks माल्ट-बेस्ड बेवरेज सेगमेंट में अपनी प्रतिद्वंदियों बॉर्नवीटा और कॉमप्लेन से बढ़त बना कर रखी है। इसके पास 43 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी है। अब Horlicks HUL का ब्रांड है। इस साल के शुरूआत में एचयूएल ने जीएसके कंज्यूमर हेल्थकेयर का अधिग्रहण कर लिया था। Horlicks ने दूध बिस्किट सेगमेंट में काफी मजबूत स्थिति बनाई थी। नील्सन डाटा की मानें तो चालू वित्त वर्ष 2019-20 में पंतजलि दूध ने 249 करोड़ रुपए की बिक्री की। तीन सालों में पतंजलि तेजी से आगे बढ़ने वाला ब्रांड बन गया है। पतंजलि दूध बिस्किट ने तीन चीजों पर ध्यान देकर अपनी यह सफलता हासिल की। पहला पतंजलि ने गाय दूध का प्रयोग किया। दूसरा बिस्किट को 100 प्रतिशत गेहूं से बनाया। तीसरा पैकेट पर कंपनी का दावा इसमें कोई कोलेस्ट्रॉल या ट्रांसफैट नहीं है।