नई दिल्ली
सर्वोच्च न्यायालय ने भगोड़े कारोबारी विजय माल्या की दायर की गई याचिका पर गुरुवार को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। माल्या ने कोर्ट के 2017 के फैसले के खिलाफ याचिका लगाई थी जिसमें उनको अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया गया था। माल्या ने अदालत के आदेश पर अपनी संपत्ति का पूरा लेखा-जोखा सच्चाई से नहीं बताया था, लिहाजा शीर्ष अदालत ने उसे अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया था। इसके अलावा माल्या को अदालत के आदेश का उल्लंघन कर अपने खाते से 40 मिलियन डॉलर की रकम निकालने का भी दोषी पाया गया। जबकि माल्या पर खातों से पैसे निकालने पर रोक लगाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में चल रही सुनवाई से जुड़ा एक दस्तावेज फाइलों से गायब हो गया था। जिसके बाद जस्टिस यू.यू. ललित और अशोक भूषण की पीठ ने 20 अगस्त तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी थी। क्योंकि इस मामले में शामिल सभी पार्टियों ने नई प्रतियां दाखिल करने के लिए और समय मांगा था।पीठ ने कहा है कि स्पष्टीकरण को दो सप्ताह के भीतर प्रस्तुत किया जाए। साथ ही कहा गया कि “उसके बाद समीक्षा की याचिका पर मेरिट के आधार पर विचार किया जाएगा”।