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माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड पर सरकारी नियंत्रण को चुनौती पर जम्मू-कश्मीर एचसी का नोटिस

श्रीनगर
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के जस्टिस जावेद इकबाल वानी ने श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड पर सरकार के नियंत्रण पर चुनौती याचिका को लेकर सुनवाई करते हुए जे.के. यू.टी. प्रशासन को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस सचिव लॉ और सीईओ श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड को जारी किया गया है। अंकुर शर्मा की ओर से दायर चुनौती याचिका में कहा गया कि बोर्ड बनने से पहले श्री माता वैष्णो देवी जी के चढ़ावे पर हिंदू धार्मिक पंथ, प्रशासन व प्रबंधन का अधिकार था। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड पर सरकार के नियंत्रण को बारीदार संघर्ष कमेटी के प्रधान शाम सिंह और 54 अन्य याचिकाकर्ताओं की ओर से अंकुर शर्मा ने चुनौती दी थी जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कानून सचिव जे. एंड के. और सी.ई.ओ. श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब तलब किया है। अंकुर शर्मा ने चुनौती याचिका के माध्यम से द जम्मू एंड कश्मीर श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड अधिनियम, 1988 को चुनौती दी थी जिसके बाद श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड का अधिकार सरकार ने अपने अधीन कर लिया। इसके साथ ही श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड का प्रशासन, प्रबंधन और संचालन भारतीय संविधान के अनुच्छेद 26 के तहत अपने हाथ में ले लिया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बोर्ड के संचालन में कुप्रबंधन है और किसी बाहरी संस्थान से श्री माता वैष्णो देवी श्राइन फंड का ऑडिट 1986 से करवाने के लिए कहा जो संवैधानिक ऑडिट संस्थान हो। अंकुर शर्मा ने कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 (2), (ए), 26, 29 और 31ए (बी) के तहत चुनौती याचिका को स्वीकार किया जाए और कहा कि हिंदू धार्मिक संस्थान इन दशकों में सरकार के अधीन रहा है तथा हिंदू संस्थान पर उनके नियंत्रण को व्यवस्थित ढंग से काट दिया गया जबकि अन्य धार्मिक संस्थानों में उन्हें प्रबंधन, प्रशासन और संचालन व चढ़ावे का अधिकार है जो अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है और हिंदू मंदिरों के विरुद्ध है। कोर्ट ने यू.टी. प्रशासन व सी.ई.ओ. श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड को 4 सप्ताह में जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया है।

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