नई दिल्ली
वाणिज्य एवं उद्योग और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि भारतीय रेलवे की अपनी खाली पड़ी जमीन पर 20,000 मेगावाट क्षमता की नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन की योजना है। इन संयंत्रों में देश में विनिर्मित सौर और पवन ऊर्जा उपकरणों का उपयोग किया जाएगा और उत्पादित बिजली का उपयोग रेलवे अपने नेटवर्क में करेगी। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में भारतीय रेलवे का नेटवर्क 100 प्रतिशत बिजली चालित होगा। इस लिहाज से यह दुनिया का सबसे बड़ा नेटवर्क होगा। गोयल ने कहा, ‘हमारी जो अधिशेष जमीन है, उसका बड़ा हिस्सा और ट्रैक के पास उपलब्ध भूमि का उपयोग नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन में किया जाएगा।’ भारत में बने सौर और पवन ऊर्जा उपकरणों का प्रयोग किया जहा रहा है। इन भूखंडों पर 20,000 मेगावाट नवीकरणीय बिजली उत्पादन करने की योजना है। यह बिजली हमारे पूरे नेटवर्क को चालाने के लिये पर्याप्त होगी। वह सीईईडब्ल्यू (काउंसिल ऑफ एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वाटर) के स्वच्छ ऊर्जा पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि रेलवे को इस तरह की बिजली के लिए ‘बैटरी स्टोरेज’ के विस्तार या अन्य बिजली संग्रह के दूसरी प्रालियों की व्यवस्था करने की जरूरत होगी।