नई दिल्ली
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) की जीएसटी पर बहुत बुरी मार पड़ी है। वित्त वर्ष 2020-21 में जीएसटी संग्रह में 2.35 लाख करोड़ रुपए की कमी रही है। अहम ये भी है कि इसमें से केवल 97,000 करोड़ रुपए की कमी का कारण माल एवं सेवा कर (जीएसटी) क्रियान्वयन है। शेष कमी का कारण महामारी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में गिरावट आ सकती है। जीएसटी संग्रह में आई इतनी गिरावट की ये जानकारी आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मौजूदगी में हुई जीएसटी परिषद की बैठक में दी गई है। बैठक में राजस्व सचिव ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह पर बहुत बुरा असर पड़ा है। महान्यायवादी ने यह राय दी है कि जीएसटी संग्रह में आने वाली कमी की भरपाई भारत की संचित निधि से नहीं की जा सकती। इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि राज्यों को क्षतिपूर्ति के दो वकिल्पों पर चर्चा की गई। वित्त मंत्री ने कहा कि जिन विकल्पों पर चर्चा हुई, वे केवल चालू वित्त वर्ष के लिये हैं, जीएसटी परिषद अगले साल अप्रैल में एक बार फिर मामले पर विचार करेगी। राजस्व सचिव ने कहा कि जीएसटी क्षतिपूर्ति मद में अप्रैल-जुलाई के लिये राज्यों का बकाया 1.5 लाख करोड़ रुपये है। वित्त मंत्री ने कोरोना वायरस महामारी का जिक्र करते हुए कहा कि इस प्राकृतिक आपदा से चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में गिरावट आ सकती है।