लाहौर
पाकिस्तान में बुधवार देर शाम संसद का संयुक्त अधिवेशन बुलाकर आतंकवाद से लड़ाई के लिए जरूरी तीन विधेयक पारित करा लिए गए। इसके अलावा टेरर फंडिग केस में जमात-उद-दावा (जेयूडी) के शीर्ष चार नेताओं पर आरोप तय किए गए। इनमें मुंबई हमले के षड्यंत्रकारी हाफिज सईद का एक रिश्तेदार भी शामिल है। पाकिस्तान में जारी ये उथल-पुथल अक्टूबर में पेरिस में होने वाली एफएटीएफ (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) की बैठक को लेकर जारी है। डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक इमरान सरकार में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफ़एटीएफ़) की इस बैठक को लेकर खौफ साफ़ नज़र आ रहा है। इस मीटिंग में पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डाले जाने पर विचार होना है। ऐसे में पाकिस्तान दिखावे के तौर पर कोई भी ऐसा दांव नहीं छोड़ रहा जिससे लगे कि वह आतंकवाद के खात्मे के लिए गंभीर नहीं है। संसद में प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा, पाकिस्तान को एफएटीएफ की ब्लैक लिस्ट में जाने से बचाने के लिए इन विधेयकों का संसद से पारित होना जरूरी था। अगर पाकिस्तान ब्लैक लिस्ट में चला जाता है तो देश की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो जाएगी। इससे पहले दिन में आतंकवाद निरोधी कानून (संशोधित) विधेयक 2020 पाकिस्तानी संसद के निचले सदन से पारित होकर उच्च सदन सीनेट में पहुंचा लेकिन विपक्षी दलों के बहुमत वाले इस सदन ने उसे अस्वीकार कर दिया था। पाकिस्तान में आतंकवाद रोधी एक अदालत ने बुधवार को प्रतिबंधित जमात-उद-दावा (जेयूडी) के शीर्ष चार नेताओं पर आरोप तय किए। इनमें मुंबई हमले के षड्यंत्रकारी हाफिज सईद का एक रिश्तेदार भी शामिल है। इन सभी पर आतंकी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराने के चार और मामलों में आरोप तय किए गए हैं। सुनवाई के बाद अदालत के एक अधिकारी ने कहा, ‘ हाफिज रहमान मक्की (सईद का रिश्तेदार), याहा मुजाहिद (जेयूडी की प्रवक्ता), जफर इकबाल और मोहम्मद अशरफ पर चार और मामलों में आतंकी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराने के आरोप लगाए गए हैं।’ संदिग्धों को कड़ी सुरक्षा में कोट लखपत जेल से अदालत लाया गया था। अधिकारी ने बताया कि न्यायाधीश एजाज अहमद ने अभियोजन पक्ष को बृहस्पतिवार को अगली सुनवाई में गवाहों को पेश करने का निर्देश दिया है।