भारत के साथ एयर बबल करार करने वाला 16वां देश बना ओमान

नई दिल्ली
भारत ने अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों के संचालन के लिए ओमान के साथ एक अलग द्विपक्षीय एयर बबल व्यवस्था स्थापित की है। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को कहा कि भारत ने दोनों देशों के बीच विशेष अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों के संचालन के लिए ओमान के साथ एक अलग द्विपक्षीय एयर बबल व्यवस्था स्थापित की है। इससे पहले बुधवार तक, भारत का 15 देशों – अफगानिस्तान, बहरीन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इराक, जापान, मालदीव, नाइजीरिया, कतर, यूएई, केन्या, भूटान, यूके और यूएसए के साथ ऐसी व्यवस्था थी। दो देशों के बीच एक एयर बबल के समझौते के तहत, विशेष अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों को कोविड-19 महामारी के कारण प्रतिबंधात्मक परिस्थितियों में एक-दूसरे के क्षेत्र में अपनी एयरलाइंस द्वारा संचालित किया जा सकता है। पुरी ने ट्वीट कर कहा कि ‘यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और ओमान के बीच उड़ानों के लिए द्विपक्षीय एयर बबल की व्यवस्था हो गई है। यह व्यवस्था करने वाला ओमान 16वां देश बन गया है।’ उन्होंने कहा कि ‘भारत और ओमान के ऑपरेटर दोनों देशों के बीच काम करेंगे’। बता दें कि कोरोना वायरस महामारी के कारण 23 मार्च से भारत में अनुसूचित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को निलंबित कर दिया गया था। हालांकि, मई से वंदे भारत मिशन के तहत और जुलाई से भारत और अन्य देशों के बीच गठित द्विपक्षीय एयर बबल व्यवस्था के तहत भारत में विशेष अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानें संचालित हो रही हैं।
कोरोना लॉकडाउन के बाद दुनियाभर में फंसे भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाने के लिए वंदे भारत मिशन की शुरुआत की गई। इसी कड़ी में मिशन के सातवें चरण के तहत यूएई से 40 हजार भारतीयों की स्वदेश वापसी होगी। वंदे भारत मिशन के सातवें चरण के लिए 271 उड़ानों का संचालन यूएई के लिए किया जाएगा। इस चरण में सबसे अधिक लोगों की यूएई से वापसी होगी। वहीं, ओमान, सिंगापुर, कतर, सऊदी अरब से भी काफी संख्या में भारतीय वापस लौटेंगे। नागरिक उड्डयन मंत्रालय की तरफ से अक्तूबर का कार्यक्रम तय कर लिया गया है। एयर इंडिया एक्सप्रेस की 496 उड़ानों का अक्तूबर में संचालन किया जाएगा। इसमें यूएई के बाद ओमान से सबसे अधिक लोग वापस आएंगे। ओमान से कुल 13 हजार लोगों को भारत लाने का प्रबंध किया गया है। वहीं, सिंगापुर, कतर, सऊदी अरब और कुवैत से काफी संख्या में लोग स्वदेश लौटेंगे।

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