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जम्मू-कश्मीर में आतंकी का बेटा बना केएएस अफसर, सेना ने किया सम्मानित

डोडा
जम्मू संभाग में कभी आतंकवाद के गढ़ रहे डोडा जिले के दूरदराज इलाके गुंदना से अनोखी नजीर सामने आई है। आतंकी के मारे जाने के बाद बेटे गाजी अब्दुल्ला की परवरिश श्रीनगर के अनाथालय में हुई। तमाम चुनौतियों का सामना कर इस अभागे बेटे ने मेहनत ने अपनी तकदीर खुद लिख डाली। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पढ़ाई के बाद जम्मू-कश्मीर की सबसे प्रतिष्ठित केएएस परीक्षा पास की। भटपुरा गांव में इस होनहार के सम्मान में सेना ने विशेष समारोह आयोजित किया। 10 राष्ट्रीय राइफल्स के कार्यक्रम में गाजी अब्दुल्ला ने स्कूल विद्यार्थियों को अपने संघर्ष की कहानी सुनाकर कामयाबी का मंत्र दिया। डोडा के गुंदना इलाके के भटपुरा गांव में आयोजित समारोह के दौरान सेना की ओर से गाजी अब्दुल्ला की प्रेरक कहानी अन्य युवाओं और विद्यार्थियों से साझा की गई। सैन्य वक्ता ने कहा कि मुश्किल हालात में मेहनत से कैसे तकदीर बदली जा सकती है, गाजी अब्दुल्ला उसकी मिसाल हैं। आतंकवाद, गरीबी और विपरीत हालात से जूझते गाजी ने प्रतिष्ठित केएएस परीक्षा पास कर दिखाई है। समारोह के दौरान विद्यार्थियों ने कामयाबी का मंत्र पूछा तो गाजी अब्दुल्ला ने कहा कि मेहनत और तालीम मिल जाएं तो कुछ भी नामुमकिन नहीं। मंजिल तक पहुंचने के लिए हालात से ज्यादा पक्के इरादों की जरूरत पड़ती है। विद्यार्थियों ने मुखातिब गाजी ने कहा कि वर्तमान में शिक्षा तक पहुंच बेहद आसान हो गई है। किसी भी इलाके से युवा मेहनत और लगन से अपनी मंजिल हासिल कर सकते हैं। गाजी ने कहा कि एक गरीब बच्चे से प्रशासनिक अफसर बनने तक के सफर में मुश्किलें बहुत आईं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। आतंकवाद से मुक्त माहौल में युवा पीढ़ी के सामने संभावनाओं के असंख्य अवसर खुलते हैं।

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