पंजाब में किसान आंदोलन जारी रहने पर रेल आवागमन बुरी तरह प्रभावित

फरीदकोट
रेल मंत्रालय ने पंजाब के किसानों की कल केन्द्र के साथ बैठक बेनतीजा होने से स्पैशल ट्रेनों का रद्दीकरण, डायवर्सन व आंशिक निरस्तीकरण आगे बढ़ा दिया है जिससे आज बाइसवें दिन भी ट्रेनें रद्द रहीं। रेलवे सूत्रों ने आज बताया कि नई दिल्ली – जम्मूतवी राजधानी एक्सप्रेस, जम्मूतवी- नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस, नई दिल्ली – वैष्णो देवी कटडा वंदे भारत, माता वैष्णो देवी कटडा- नई दिल्ली वंदे भारत,माता वैष्णो देवी कटडा- नई दिल्ली श्री शक्ति विशेष ट्रेन, नई दिल्ली – श्री माता वैष्णो देवी कटडा श्री शक्ति विशेष ट्रेन, नई दिल्ली – कालका शताब्दी विशेष ट्रेन व नई दिल्ली – कालका शताब्दी विशेष ट्रेन को 15-16 अक्तूबर को भी रद्द रखने का निर्णय लिया है। इन सभी ट्रेनों को आरंभिक स्टेशनों से रद्द किया गया है। जबकि मुंबई सैंट्रल – अमृतसर गोल्डन टैम्पल मेल-अमृतसर -मुंबई बांद्रा, बांद्रा टर्मिनस एक्सप्रेस व अमृतसर बांद्रा टर्मिनस एक्सप्रेस,धनबाद – फिरोजपुर एक्सप्रेस ,फिरोजपुर – धनबाद एक्सप्रेस,अमृतसर- जयनगर शहीद एक्सप्रेस,अमृतसर – न्यू जलपाईगुड़ी कर्मभूमि सुपरफास्ट व अमृतसर – डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेनों को पंजाब के फिरोजपुर व अंबाला के बीच आंशिक रूप से निरस्तीकरण किया गया है। ये सभी ट्रेन अपने आरंभिक स्टेशनों से चलकर अपनी यात्रा अंबाला में समाप्त करके वहीं से वापस लौटेगी। उधर, अमृतसर- नांदेड़ सचखंड एक्सप्रेस व नांदेड़ सचखंड एक्सप्रेस -अमृतसर नई दिल्ली के बीच ही चलेगी और नई दिल्ली- अमृतसर के मध्य रद्द रहेगी जबकि ऊना हिमाचल – नई दिल्ली एक्सप्रेस ट्रेन अंबाला- ऊना के बीच आंशिक रूप से रद्द रहेगी। लालगढ़ – डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस का मार्ग परिवर्तन वाया हनुमानगढ़-हिसार – भिवानी- रोहतक से किया गया है। किसानों के रेल रोको आंदोलन के कारण पंजाब में रेल सेवा बुरी तरह से प्रभावित है जिससे आज जनता को भारी परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि मार्च में लाकडाउन से लेकर अब तक ट्रेनों के आवागमन पर रोक रहने से आम जनता बुरी तरह प्रभावित हुई है । रेल मंत्रालय ने कई महीनों बाद कुछ स्पैशल ट्रेन शुरू की तो अब किसान आंदोलन को लेकर रेल व यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कुछ ट्रेनों को रद्द और करीब 25 से अधिक ट्रेनों का आंशिक रूप से निरस्तीकरण किया गया है। रेल मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि किसानों का आंदोलन समाप्त होने पर ही पंजाब के लिए ट्रेनें चलाने पर विचार किया जा सकता है क्योंकि रेलवे की जिम्मेदारी रेल तथा यात्रियों की सुरक्षा की है।

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