चंडीगढ़
पंजाब विधानसभा में राज्य सरकार की ओर से केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ बिल पेश किया गया, जिसे सर्वसम्मति से पारित भी कर दिया गया है। वहीं ऐसा करने वाला पंजाब पहला राज्य है। बिल पेश करते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने राज्य के सभी राजनैतिक पक्षों को पंजाब की रक्षा करने की भावना के साथ अपने राजनैतिक हितों से ऊपर उठने की अपील की। केंद्र के तीन कृषि कानूनों को रद्द करते हुए पंजाब विधानसभा में 4 बिल पेश करने के दौरान मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा और शांति का खतरा होने की चेतावनी दी है। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि वह इस्तीफा देने या सरकार के बर्खास्त होने के लिए भी तैयार हैं, लेकिन ‘पंजाब के किसानों के साथ अन्याय’ नहीं होने देंगे। अपने विशेष सत्र के दूसरे और अंतिम दिन विधानसभा में उन्होंने केंद्रीय कृषि कानूनों के कारण सीमावर्ती राज्य की शांति और राष्ट्रीय सुरक्षा को संभावित खतरा होने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा, कोई भी धार्मिक भावनाओं को लगनी वाली ठेस और रोजी-रोटी पर हमले को बर्दाश्त नहीं कर सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं इस्तीफा देने से नहीं डरता हूं। अगर मेरी सरकार बर्खास्त होती है तो भी मैं डरने वाला नहीं हूं, लेकिन मैं किसानों को नुकसान नहीं होने दूंगा, न उन्हें बर्बाद होने दूंगा’। उन्होंने कहा कि मैंने 1984 में ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ के मौके पर सिखों के साथ अन्याय को स्वीकार करने की बजाय सरकार छोड़ने का विकल्प चुना था।