राहुल के 15 मिनट के बयान पर शाह का पलटवार, 1962 में कांग्रेस ने चीन को क्यों नहीं फेंका बाहर

नई दिल्ली
पूर्वी लद्दाख में LAC पर चीन के साथ पिछले काफी समय से चल रहे विवाद को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पलटवार किया। शाह ने कहा कि कांग्रेस और राहुल 1962 में अपनी सलाह सुननी चाहिए थी, जब भारत ने चीन के साथ युद्ध के दौरान कई हेक्टेयर भूमि खो दी थी। शाह ने कहा कि 1962 में कांग्रेस ने 15 मिनट में चीन को बाहर क्यों नहीं फेंका। दरअसल राहुल गांधी ने हरियाणा में नए किसान कानूनों के खिलाफ एक रैली के दौरान पूर्वी लद्दाख में चीन और भारत के बीच चल रही तनातनी पर कहा था कि ‘अगर हम सत्ता में होते तो 15 मिनट से भी कम समय में चीन को बाहर फेंक देते’।
अमित शाह ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में राहुल गांधी के बयान पर जवाब दिया। शाह ने कहा कि कांग्रेस को राहुल के बयान को 1962 में ही अप्लाई करना चाहिए था। शाह ने कहा कि अगर कांग्रेस 1962 में ही ऐसा कर लेते, तो भारत अपने हेक्टेयर्स भूमि न खो दी होती। उस वक्त के प्रधानमंत्री ने तो आकाशवाणी पर यह तक कह दिया था- बाय-बाय असम। कांग्रेस हमें ये नसीहत कैसे दे सकती है। आपके परनाना की सरकार थी, तभी चीनी सरकार के हाथों हमारी जमीनें जाती रहीं। 15 जून को गलवान घाटी में हुए खूनी हिंसक संघर्ष पर शाह ने कहा कि हमारी सेना ने बहादुरी से जवाब दिया और देश और मुझे 16 बिहार रेजीमेंट पर काफी गर्व है। शाह ने कहा कि मैं गर्व करता हूं बिहार रेजीमेंट के उन जवानों पर, जिन्होंने हड्डियां गलाने वाली ठंड में भी रात को मुस्तैद रहकर हमारे देश की सीमा की सुरक्षा की है और कठोर जवाब दिया है।

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