मुंबई
मुकेश अंबानी के रिलायंस रिटेल को तगड़ा झटका लगा है। फ्यूचर ग्रुप के साथ डील पर सिंगापुर स्थित एक मध्यस्थता अदालत ने अमेजॉन के पक्ष में फैसला सुनाया है। मध्यस्थता अदालत ने अंतरिम आदेश में फ्यूचर ग्रुप पर रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को 24,713 करोड़ रुपये में अपना रिटेल कारोबार बेचने से रोक लगा दी है। बता दें कि अमेजन ने किशोर बियानी की अगुवाई वाली कंपनी की तरफ से अपना खुदरा कारोबार रिलायंस इंडस्ट्रीज (रिल) को बेचने के निर्णय के बाद फ्यूचर को मध्यस्थता अदालत में ले गया है। अमेजन बनाम फ्यूचर बनाम रिलायंस इंडस्ट्रीज के इस मामले में एकमात्र मध्यस्थ वीके राजा ने अमेजन के पक्ष में अंतरिम फैसला सुनाया है। उन्होंने फ्यूचर ग्रुप को फिलहाल सौदे को रोकने को कहा है। उन्होंने कहा, जब तक इस मामले में मध्यस्थता अदालत अंतिम निर्णय पर नहीं पहुंच जाती, तब तक सौदा नहीं किया जा सकता।
अमेजन के एक प्रवक्ता ने भी मध्यस्थता अदालत के इस निर्णय की पुष्टि की है। उसने कहा, मध्यस्थता अदालत ने कंपनी के द्वारा मांगी गई राहत प्रदान की है। प्रवक्ता ने कहा, अमेजन मध्यस्थता प्रक्रिया के तेजी से संपन्न होने की उम्मीद करती है। हम आपातकालीन मध्यस्थ के निर्णय का स्वागत करते हैं। हम इस आदेश के लिये आभारी हैं, जो सभी अपेक्षित राहत देता है। हम मध्यस्थता प्रक्रिया के त्वरित निस्तारण के लिये प्रतिबद्ध हैं।
रिलायंस रिटेल ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा, रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (आरआरवीएल) ने फ्यूचर रिटेल की संपत्ति और व्यवसाय के अधिग्रहण के लिए लेनदेन किया है, वह उचित कानूनी सलाह के साथ और भारतीय कानून के तहत पूरी तरह से लागू है। रिलायंस ने फैसले को लेकर कहा, उसने फ्यूचर ग्रुप के साथ समझौता करने और अपने अधिकारों को लागू करने और योजना के संदर्भ में लेनदेन को पूरा करने का समझौता किया है।