लखनऊ। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) उत्तर प्रदेश राज्य सचिव मण्डल ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से प्रदेश सरकार को दलित विरोधी सरकार कहा है। पार्टी का मानना है कि इस सरकार में जहां दलितों के प्रति हिंसा व दलित महिलाओं के प्रति बलात्कार की घटनायें बढ़ी हैं, वहीं पर उनको उनकी जमीनों से बेदखल किया जा रहा है तथा उनके घरों को उजाड़ा जा रहा है। दिनांक 28.10.2020 को प्रयागराज जिले के बारा तहसील के देवखरिया ग्राम में 18 दलित परिवारों के घर जेसीबी लगाकर पुलिस व पीएसी की छाया में जमींदोज कर दिया गया है। उक्त भूमि का बाकयदा 1989 में दलितों के नाम पट्टा हुआ था और बाद में उन्हें असंक्रमणीय भूमिधर तथा 2009 में संक्रमणीय भूमिधर घोषित किया गया था। उन्हीं जमीनों पर वे विधिवत मकान बनाकर 1989 से ही रह रहे थे। संपूर्ण उत्तर प्रदेश में हजारों तालाबों अन्य सार्वजनिक संपत्तियों, जंगलों पर अनाधिकृत रूप से दबंगों का कब्जा है। उन पर बड़े बड़े मकान, बिल्डिंगें, प्रतिष्ठान और पेट्रोल टंकी तक चल रही हैं। शिकायतों के बावजूद प्रशासन इन पर कोई कार्यवाही नहीं करता है। इसी तरह की घटनायें प्रदेश के आजमगढ़, मऊ, मिर्जापुर, सोनभद्र,कुशीनगर आदि तमाम जिलों में भी हो रही हैं। ऐसी जमीनें जो दलितों से खाली भी कराई जा रही हैं, उन पर दबंग लोग कब्जा कर ले रहे हैं और सरकार उनके कब्जे को वैध घोषित कर दे रही है। गरीब, दलित, खानाबदोस जिंदगी जीने के लिए विवश किये जा रहे हैं। माकपा राज्य सचिव मण्डल ने सरकार के दलित विरोधी रूख की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए मांग की है कि सरकार इलाहाबाद के दलितों जिन्हें जिला प्रशासन ने बेघर कर दिया है, उन्हें तत्काल पट्टे पर भूमि आवंटित करते हुए उन्हें प्रधानमंत्री आवास अथवा इंदिरा आवास बनवाकर आवंटित करे तथा उनकी संपत्तियों की क्षति के बदले में उन्हें मुआवजा भी दिलाया जाय। प्रदेश में वर्षों से घर बनाकर रह रहे दलितों, कमजोर तबकों, के घरों को उजाड़ना बंद किया जाय।