पेरिस
फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद के कार्टून को लेकर विवाद दिन-ब-दिन हिंसक होता जा रहा है। इस मामले को लेकर फ्रांसिसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बयान पर मुस्लिम जगत भड़का हुआ है। इस बीच मैक्रों ने कहा है कि पैगंबर मोहम्मद के कार्टून को लेकर वह परेशान हैं और समझ सकते हैं कि मुस्लिम समाज को धक्का लगा है । मैक्रों कहा कि वह उनकी भावनाओं का सम्मान करते हैं लेकिन इस आधार पर हिंसा को तो सही नहीं ठहराया जा सकता । फ्रांस में कार्टून मामले के बाद बिगड़े माहौल के बाद यहां सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
पेरिस में एक स्कूल टीचर के बाद नीस के चर्च में तीन लोगों की हत्या कर दी गई और शनिवार को लियोन में एक पादरी को गोली मार दी गई। इसके बाद मैक्रों ने देश भर में तैनात सैनिकों की संख्या दोगुनी कर दी है। खासकर स्कूलों और पूजास्थलों के पास सैनिकों कौ तैनात किया गया है। साथ ही दूसरे इस्लामिक उग्रवादी हमलों की चेतावनी भी दी गई है। पैगंबर मोहम्मद के कार्टून को लेकर शुरू हुए विवाद के बाद दुनियाभर के मुस्लिमों, खासकर मुस्लिम देशों का निशाना बने मैक्रों ने अल जजीरा को इंटरव्यू देकर सफाई देने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि फ्रांस के मकसद को गलत समझा जा रहा है।
अक्टूबर महीने की शुरुआत में टीचर सैमुअल पैटी की हत्या के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति के बयान को लेकर मुस्लिम देशों में कड़ा विरोध हुआ। मैक्रों ने कहा था कि फ्रांस कैरीकेचर प्रकाशित करने के अधिकार को कभी समाप्त नहीं करेगा। हालांकि, मुस्लिम समुदाय तक अपनी बात पहुंचाने के लिए फ्रांस के राष्ट्रपति ने कतर के टीवी चैनल अल-जजीरा को साक्षात्कार दिया था। इमैनुएल मैक्रों ने कहा, “मैं समझ सकता हूं कि लोगों को कैरीकेचर से हैरानी हो सकती है, लेकिन मैं इसके लिए हिंसा को कभी उचित नहीं मानूंगा।उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि हमारे अधिकारों व आजादी की रक्षा करने मेरा कर्तव्य है। “