मुंबई
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन समूह के प्रवर्तक वेणुगोपाल धूत के खिलाफ पहला आरोप पत्र दायर किया है। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को कहा कि ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (पीएमएलए) की धाराओं के तहत यह आरोपपत्र दाखिल किया है। ईडी ने इसे मंगलवार को मुंबई में एक विशेष अदालत के समक्ष दाखिल किया और अदालत का अभी इस पर संज्ञान लेना बाकी है। सीबीआई के कोचर, धूत और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का आपराधिक मामला दायर किया था। इसके बाद ईडी ने सितंबर में दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था।
ईडी ने कोचर दंपत्ति और उनकी कारोबार इकाइयों पर वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को 1,875 करोड़ रुपये का ‘ ऋण गैरकानूनी तरीके से आवंटित’ करने और उसमें मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप दायर किए हैं। ईडी ने कहा था कि चंदा कोचर की अध्यक्षता वाली समिति ने वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को 300 करोड़ रुपये का ऋण आवंटित किया था। इस ऋण के प्राप्त होने के अगले ही दिन आठ सितंबर 2009 को वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने 64 करोड़ रुपये की राशि उनके पति की कंपनी न्यूपॉवर रिन्युएबल प्राइवेट लिमिटेड (एनआरपीएल) को स्थानांतरित किया था। एनआरपीएल को पहले न्यूपॉवर रिन्यूएबल लिमिटेड (एनआरएल) के नाम से जाना जाता था